क्या कहते है लोग मैंने भी सात साल आधार का कार्य किया है। सएक ऑपरेटर या सुपरवाइजर की आईडी से ही उसकी पूरी जानकारी पता चल जाती है। ये कैसा सिस्टम है कि आईडी पता है पर एफआईआर अज्ञात पर हो रही है।
दीपक साहू, कम्प्यूटर जानकार पत्रिका ने खबर खोजकर मामले को सामने लाया है, लेकिन इस मामले में किसी भी प्रकार की कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होगी, क्योंकि इसमें प्रभावशाली सरकारी अधिकारी शामिल है। कलेक्टर मामले को सिर्फ संज्ञान में लेकर पत्राचार करते नजर आते है। परिणाम नहीं आते है।
राजू नामदेव, युवा विचारक
ऐसे गंभीर मामलों में पुलिस और प्रशासन को क्विक एक्शन लेना चाहिए, लेकिन कार्रवाई में हो रही देरी संदेह व्यक्त करती है। सब सेंटिंग और गड़बड़ के कारण इसी तरह मामले अटक जाते हैं। आधार एक गंभीर मामला, इस प्रकरण को जल्द पटाक्षेप करना चाहिए।
मनीष सोनी, युवा नेता
दमोह की आधार आईडी मप्र के कई जिलों के अलावा कई प्रदेशों में संचालित होना देश की सीमा से लगे घुसपैठ करने वालों को आधार कार्ड बनने में मदद मिली हो। यह बहुत बड़ी चिंता का विषय है। क्या यह राष्ट्रद्रोह का मामला नहीं है? क्या इस विषय को भी ले-देकर दबा दिया जाएगा।
विवेक भारती, पार्षद