
दमोह. अलग-अलग गांवों में बने प्राचीन जैन मंदिरों के जीर्ण शीर्ण होने और समाज के लोगों की कम मौजूदगी के कारण देखरेख के अभाव होने की सूचना पर सकल जैन समाज ने इनके सरंक्षण का निर्णय लिया है। साथ ही इन मंदिरों में स्थापित जिनबिंव को सागर नाका जैन मंदिर में स्थापित करने की योजना बनाई है। इसके लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम की सहमति भी बन गई है। ये कार्यक्रम कल यानि १५ अक्टूबर से शुरू होंगे, जो १७ अक्टूबर तक चलेंगे।
दरअसल, सकल जैन समाज ने बीते दिनों एक बैठक आयोजित की थी। जिसमें दमोह में विराजिम मुनि प्रयोगसागर, सुव्रत सागर के समक्ष प्राचीन जिनालयों, पूजनीय धरोहरों की सेवा, सुरक्षा, स्तुति, पूजन आदि के उद्देश्य से सहमति रखी गई है। इसके तहत जिनशरणं प्राचीन जिन दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर के नाम से भवन में वेदियों का निर्माण कराके श्री चंद्रप्रभ जैन मंदिर ग्राम बकेनी, श्री पाश्र्वनाथ जैन मंदिर नौरू और अजीतनाथ जैन मंदिर राजा पटना के प्राचीन जिनबिम्बों की स्थापना कराने का मन सभी की सहमति से बनाया है। इन गांवों में रहने वाली समाज के लोगों ने अपने-अपने भाव प्रकट करते हुए दमोह जैन समाज की प्रशंसा की और सद्भावना भी प्रेषित की।
इसके लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम भी तय किया गया है। इसके तहत 15 अक्टूबर को प्रात: 8 बज नन्हे मंदिर से मुनिश्री ससंघ के सान्निध्य में श्रीजी की शोभा यात्रा और घटयात्रा श्री जिनशरणं प्राचीन जिनालय सागर नाका को सकल जैन समाज दमोह ,विमान कमेटी और समस्त मंदिरों की समाज के नेतृत्व व सहयोग से शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा के तुरंत बाद समस्त प्राचीन जिनबिंबों का महामस्तकाभिषेक सम्पन्न होगा। 16 अक्टूबर को याग मंडल विधान और 17 अक्तूबर को गुरु उपकर महोत्सव और विश्वशांति महायज्ञ के साथ जिनबिम्ब स्थापना होगी। सकल जैन समाज ने सभी से उपस्थिति का आग्रह किया है।
Updated on:
15 Oct 2024 12:54 pm
Published on:
15 Oct 2024 12:35 pm
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