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रिजल्ट बिगड़ते ही कागजी तैयारियां शुरू, नई कार्ययोजना पर होगा काम

नौंवी में दो ग्रुप बनाकर होगी पढ़ाई

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दमोह

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Samved Jain

May 09, 2025

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दमोह. पिछले वर्ष की तरह एक बार फिर प्रदेश में सबसे फिसड्डी रिजल्ट का तमगा दमोह को मिल चुका है। ऐसे में अब बीते साल की तरह कागजी तैयारियां भी शुरू हो गई है। नई कार्ययोजनाएं बनाई जा रही हैं, लेकिन इस पर अमलीजामा कैसे होगा, स्पष्ट नहीं है।
प्रशासन के अनुसार अगले एक से डेढ़ महीने में जब 15 जून से स्कूल खुलेंगे तो सबसे पहले फोकस आंगनबाडिय़ों के ऊपर है। जहां पर प्री-प्राइमरी स्कूल सभी जगह फंक्शनल बहुत अच्छे तरीके से हो जाएं, इसके लिए 13 से 16 के बीच में आंगनबाड़ी, महिला बाल विकास और स्कूल शिक्षा विभाग की बैठक रखी है और इसकी एक कार्य योजना बना रहे है।
इसके साथ ही कक्षा 1 से 5 वीं और 8 वीं यह तीन क्लासेज ऐसी है, जो कि बहुत महत्पूर्ण समय होता है बच्चों की लाइफ में, तो इन तीनों कक्षाओं में सरकार ने नियम बना रखा है, उन्हें ध्यान में रखकर पढ़ाई कराएंगे। परीक्षा के बाद देखा जाएगा कि सके अंदर ये बेसिक स्किल्स आए या नहीं। ऐसा हर कक्षा के लिए करते जाना पड़ेगा, जब हम यह कर पाएंगे, तभी जा करके हम आगे की कक्षाओं में अपने बच्चों को सक्षम बना पाएंगे। इसके लिए ध्यान देने की बहुत ज्यादा जरूरत है। जिस पर काम करना शुरू कर रहे हैं।

नौंवी में अब प्रबल और प्रखर सेक्शन
दो और सेक्शन चिन्हित किए हैं, प्रबल और प्रखर जो बच्चे इस साल 9 वीं से 10 वीं में गए है और जिनके 85 प्रतिशत से ज्यादा माक्र्स है, उनको पहले दिन से उनके व्हाट्सएप ग्रुप बना दिए है। अभी और उनको शुरुआत से अपनी रडार पर रख रहे है, ताकि उन बच्चों के रिजल्ट और बेहतर 90प्रतिशत से ऊपर आए। इसके लिए पहले दिन से उनकी तैयारी करांएगे। इसी प्रकार दूसरा ग्रुप बनाया प्रबल ग्रुप, जिसमें कमजोर बच्चे हैए जो की 33 से 50 प्रतिशत तक आते हैं, या जो अनुत्तीर्ण होते हैं, इन बच्चों का ग्रुप बना करके इनको शुरू से अलग तरह की तैयारी कराएंगे। दोनों की अलग-अलग तरीके से तैयारी कराने का काम करेंगे।
कलेक्टर सुधीर कोचर का कहना है कि कक्षा 1 से 8 वीं में उन विद्यार्थियों की नीव अच्छी नहीं है, उसके बेसिक कॉन्सेप्ट क्लियर नहीं है, तो 9 वीं, 10 वीं, 11 वीं, 12 वीं में फिर नकल का सहारा लेना पड़ता है। नकल नहीं मिलने पर वह अनुत्तीर्ण होते है, तो ऐसी स्थितियों से बचने के लिए शुरुआत में कक्षा 1 से बल्कि प्री प्राइमरी से ध्यान देने की जरूरत पड़ेगी। जब वहां से विद्यार्थियों पर ध्यान देने की कोशिश करेंगे। उसके बाद जो जनरेशन निकल के आएगी वह जनरेशन फिर आपको रिजल्ट देना शुरू करेंगे।