
दमोह. पाकिस्तान को जेल में 17 महीने रहने के बाद दमोह जिले के शीशपुर पटी गांव निवासी बारेलाल आदिवासी को रिहा कर दिया गया। वह अटारी बॉर्डर से भारत आया और अब घर पहुंच गया है। बारेलाल की वापसी उम्मीद उसके पिता और भाई तो छोड़ चुके थे, लेकिन मां को विश्वास था कि वह जरूर लौटेगा। बारेलाल को भारत लाने के बाद अमृतसर की रेडक्रॉस सोसायटी में रखा गया था। इसके बाद नोहटा थाना पुलिस उसे साथ लेकर शुक्रवार को दमोह पहुंची।
इस तरह पहुंचा था पाक
बारेलाल मानसिक रूप से कमजोर है। उसने बताया कि वह दमोह से पैदल बांदकपुर गया था। वहां से बनवार घटेरा होते हुए पाकिस्तान पहुंच गया। वहां ईंट भट्टे पर काम किया। एक दिन स्टेशन पर उसे गांववालों ने पकड़वा दिया।
पिता को पहचानने में लगे पांच मिनट
बारेलाल की पहचान करने पिता सुब्बी को भेजा गया। दुबले-पतले बारेलाल की छवि संजोये सुब्बी के सामने पठानी सूट में हट्टा-कट्टा युवक खड़ा था। वह पांच मिनट तो उसे पहचान नहीं पाएं। जब नजदीक से देखा तो यकीन हो गया कि वही उनका बेटा बारेलाल है।
बारेलाल घर पहुंचते ही मां लक्ष्मी रानी के पास खड़ा हो गया और कहा... बाई खाना खाकर आया हूं, पानी दे दो, नींद आ रही है। बेटे की घर वापसी पर मां ने कहा कि उसे विश्वास था कि बेटा वापस आएगा। वह पति से बेटे के लिए घर बनवाने की लंबे समय से जिद कर रहीं थीं, क्योंकि चिंता थी कि बेटे के वापस आने पर रहने के लिए घर नहीं है।
Must See: घर में सर्प देखकर रुक गई सांस फिर हुआ ये
Published on:
28 Jun 2021 10:51 am
बड़ी खबरें
View Allदमोह
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
