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गैर कानूनी बंपर गार्ड से सुरक्षित हैं कानून के रखवाले

आमजनों पर असर प्रशासनिक अधिकारियों पर बे-असर

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Bumper guards bulldown is punishable

Bumper guards bulldown is punishable

राजेश कुमार पांडेय दमोह. भारत सरकार ने कार में लगाए जाने वाले बंपर गार्ड, बुलगार्ड पर रोक लगा दी है, इसका असर टैक्सी परमिट पर चलने वाले वाहनों पर दिखाई तो दे रहा है, लेकिन जिनके जिम्मे कानून के पालन की जिम्मेदारी है, उनके वाहनों में गैर कानूनी बंपर गार्ड या बुलगार्ड नजर आ रहे हैं।
पत्रिका द्वारा दमोह जिले के प्रशासनिक अमले के वाहनों पर नजर दौड़ाई गई तो अपर कलेक्टर, शहर कोतवाल, विधायक, जिपं अध्यक्ष सहित प्रशासनिक अधिकारियों के वाहनों पर बंपर गार्ड या बुलगार्ड लगे हुए नजर आ रहे थे। जिन वाहनों में बंपर गार्ड लगे हुए थे, उनमें बैठने वाले अधिकारियों व जिम्मेदारों के जिम्मे नियम कानून पालन कराने की जिम्मेदारी है। इस मामले में जब संबंधितों से जानकारी ली गई तो अनेक ने अनभिज्ञता जताई तो कुछ ने व्यस्तता का बहाना बना दिया। जबकि अधिकांश अधिकारियों के वाहन कार्यालयों के बाहर खड़े रहते हैं। इसके बाद भी किसी को बंपर गार्ड या बुलगार्ड निकलवाने की फुर्सत नहीं मिल रही है। जिससे केंद्रीय सरकार का यह आदेश जिला स्तर के अधिकारियों के बीच हवा-हवाई साबित हो रहा है। वहीं टैक्सी परमिट के अधिकांश चार पहिया वाहनों से बंपर गार्ड अलग हो चुके हैं। आमजनों की गाडिय़ों से बंपर गार्ड निकलना शुरू हो गए हैं, लेकिन सरकारी वाहनों पर इस आदेश का कोई प्रभाव नजर नहीं आ रहा है।


यह है आदेश
भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय ने कार या जीप में बंपर गार्ड लगाने पर रोक लगा दी है। अब यदि कोई इसका उपयोग करता है तो वह मोटर वाहन अधिनियम 1988 के सेक्शन की 52 का उल्लघंन करता हुआ माना जाएगा। केंद्र सरकार ने यह भी आदेश दिया है कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 190 और 191 के तहत वाहनों पर बंपर गार्ड या बुलगार्ड लगाने पर दंड भी लगाया जाएगा। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों के परिवहन विभाग से बंपर गार्ड को गैर कानूनी व दंडनीय मानते हुए सख्त कार्रवाई कराए जाने के निर्देश दिए हैं।

टक्कर के वक्त खतरनाक है बंपरगार्ड
कार या जीप में लगा बंपर या बुल गार्ड राहगीरों से टक्कर होने के समय काफी खतरनाक माना गया है। बंपर गार्ड लगवाने के पीछे लोगों की सोच है कि छोटी-मोटी टक्कर होने पर ऐसे बंपर गार्ड गाड़ी की बॉडी को बचाते हैं, लेकिन विशेषज्ञ इससे इत्फाक नहीं रखते हैं। उनका मानना है कि कि भीषण टक्कर होने की स्थिति में यह गार्ड गाड़ी की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित होते हैं। इन बंपर गार्ड को कार के दो पॉइंट पर फिक्स किया जाता है। टक्कर की स्थिति में क्रैश एनर्जी केवल इन दो पॉइंट पर आती है न कि गाड़ी के पूरे स्ट्रक्चर पर, इससे गाड़ी को ज्यादा नुकसान होने की संभावना रहती है। इसके अलावा कारों में अक्सर एयरबैग के सेंसर भी आगे लगाए जाते हैं। बंपर गार्ड लगाए जाने से यह सेंसर काम नहीं कर पाते हैं और टक्कर के समय एयरबैग नहीं खुल पाते हैं। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि कंपनियां कारों को इस तरह डिजाइन करती हैं कि सड़क पर चल रहे लोगों से टकराने पर उन्हें कम से कम नुकसान पहुंचे, लेकिन बंपर गार्ड लगाए जाने से राहगीरों को ज्यादा चोट पहुंचने के अनेक मामले सामने आ रहे हैं। जिनमें मौंतो का ग्राफ भी बढ़ा है। सबसे ज्यादा खतरनाक साइकिल व बाइक सवारों के लिए माने गए हैं।

वर्जन
बंपर गार्ड या बुलगार्ड को गैर कानूनी मानते हुए इसके लिए दंड भी निर्धारित किया है। हमारे विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है और परमिट देते समय टैक्सियों व अन्य वाहनों से हटवाए जा रहे हैं। यदि सरकारी विभाग के अधिकारी इसका पालन नहीं कर रहे हैं, तो पहले एचओडी को पत्र लिखेंगे, उसके बाद भी नहीं हटाए गए तो परिवहन अधिनियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
हृदेश यादव, जिला परिवहन अधिकारी दमोह