
दमोह. जिले की जबेरा तहसील क्षेत्र में लगातार मगरमच्छ के हमले की घटनाएं सामने आ रहीं हैं। पिछले तीन दिनों के भीतर इस विधानसभा क्षेत्र के अलग अलग इलाकों में मगरमच्छ हमले की चार घटनाएं हो चुकीं हैं।
रविवार को घटनाओं के क्रम में एक व्यक्ति पर तेंदूखेड़ा के समीप से होकर निकले नाला में मौजूद मगरमच्छ ने हमला कर गंभीर कर दिया। जानकारी के अनुसार गोलू यादव ५० निवासी ससना कलां को मगरमच्छ ने हमला कर घायल कर दिया। मगरमच्छ ने गोलू के हाथ को जबड़े में भर लिया था, जिससे उसके हाथ में गंभीर चोटें आईं हैं। फिलहाल गोलू इलाजरत है।
वहीं इस घटना के एक दिन पहले हटरी गांव में मगरमच्छ ने एक ८ साल के बालक पर हमला कर दिया था। मगरमच्छ बालक को जबड़े में कसकर गहरे पानी में ले गया। मौके पर मौजूद लोगों के प्रयासों से मगरमच्छ ने बालक को, तो अपने जबड़े से मुक्त कर दिया, लेकिन बालक की गहरे पानी में डूबने की वजह से मौत हो गई। घटना में बालक के शव की तलाश में दो दिन रेस्क्यू चला। रविवार की सुबह बालक का शव घटना के समीप झाडिय़ों में फंसा मिला है।
बता दें कि यह घटना उस वक्त हुई थी जब बालक कृष्णा अपने पिता अर्जुन सिंह के साथ व्यारमा नदी में नहाने के लिए पहुंचा था। पिता नदी में कुछ दूरी पर था, तभी मगरमच्छ ने बालक पर हमला कर दिया था।
इसी दिन एक और घटना नोहटा थाना क्षेत्र में सामने आई थी, जिसमें एक छह फीट का मगरमच्छ घर में घुस गया था। जानकारी सामने आई थी कि सिमरी खुर्द निवासी राजेश बैरागी के घर के भीतर छह फीट का मगरमच्छ घुस गया था। इस मगरमच्छ को घर में मौजूद लोगों की अकलमंदी की वजह से वन विभाग द्वारा पकड़ा जा सका था और फिर माला जलाशय में छोड़ दिया गया।
बता दें कि इस तीन घटनाओं के दो दिन पहले राजघाट गांव में युवक बबलू पर मगरमच्छ ने नहाने के दौरान हमला कर दिया था। युवक को हमले में गंभीर चोटें आईं, जिसे प्राथमिक उपचार के तुरंत बाद जबलपुर रेफर कर दिया था, जो अभी उपचाररत है। इस तरह पिछले तीन दिनों के भीतर जबेरा विधानसभा क्षेत्र में मगरमच्छों के हमले की चार घटनाएं सामने आ चुकीं हैं।
इधर बालक के शव को परिजनों के सुपुर्द किया
हटरी गांव में शनिवार की सुबह बालक की तलाश में रेस्क्यू शुरू हुआ। लेकिन रेस्क्यू टीम दूसरे दिन रविवार को शव तलाश पाई। इधर शव मिलने के बाद पुलिस ने पीएम कार्रवाई पूरी कराई और शव परिजनों को सौंपा। ज्ञात हो कि शनिवार को दिनभर मशक्कत करने के बावजूद एसडीआरएफ की टीम को बालक का कोई सुराग नहीं लगा था। शाम ढलने के बाद अंधेरा होने से रेस्क्यू रोकना पड़ा। हालांकि ग्रामीण रात भर नदी किनारे टकटकी लगाए इस आशा में बैठे रहे कि मगरमच्छ मासूम को छोड़े, तो नजर आए, लेकिन रात में भी मासूम का कुछ अता पता नहीं चला था।
तटीय इलाकों में मुनादी, संवेदनशील गांव चिन्हित
जिले में लगातार बढ़ रही मगरमच्छ के हमलों और रहवासी इलाकों प्रवेश के घटनाक्रमों के बाद वन विभाग अलर्ट पर है। नदी के तटीय इलाकों और मगरमच्छ की संभावना वाले इलाकों में ग्रामीणों को सावधान और सतर्क करने मुनादी कराई जा रही है। इसके अलावा संवेदनशील गांव भी चिन्हित किए जा रहे हैं। मामले में तेजगढ़ वन परिक्षेत्र रेंजर नीरज पांडे ने बताया कि वन मंडलाधिकारी के निर्देशानुसार सुरक्षा के मद्देनजर व्यारमा नदी के किनारे पडऩे वाले सभी गांवों में मुनादी कराई गई है। जिसमें ग्रामीणों को हिदायत दी गई है कि इस समय नदी में नहाने आदि के लिए बिल्कुल भी न जाएं।
नदी के अलावा तालाबों और डैम में भी मगरमच्छ
जिले से होकर गुजरी व्यारमा नदी में बहुतायत में मगरमच्छ हैं। हालांकि जिले के कुछ तालाबों और डैम में भी काफी तादात में मगरमच्छ हैं। इनमें माला जलाशय, सिंगौरगढ़ का तालाब और सतधरू डैम प्रमुख हैं। हाल में सतधरू डैम से निकलकर एक मगरमच्छ खजुरिया गांव में घुस गया था। वहीं बीते रोज जबेरा के सिमरी खुर्द में एक मगरमच्छ घुसा था। जिसे पकड़कर माला जलाशय में छोड़ा गया है।
वर्जन
वन अमला लगातार मुनादी कर जागरुक और सतर्क कर रहा है। ग्रामीणों से अपील है कि वे व्यारमा नदी और इससे जुड़े नालों में न जाएं। नदी में लगातार मगरमच्छ देखे जा रहे हैं।
महेंद्र सिंह उईके, डीएफओ दमोह
Published on:
15 Jul 2024 11:53 am
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