पिछले कुछ समय के भीतर कई राहगीरों को मौत के घाट उतार दिया
दमोह. जिले से गुजरने वाला छतरपुर हाईवे पर दमोह से छतरपुर की ओर 40 किलोमीटर की सड़क में पांच जानलेवा स्पॉट हैं। इन जगहों ने पिछले कुछ समय के भीतर कई राहगीरों को मौत के घाट उतार दिया। 40 किमी की यह दूरी लोगों के लिए जानलेवा रास्ता की पहचान बना चुका है। खासबात यह है कि इस सड़क पर बेतरतीब डंपरों की आवाजाही है, जो स्थानीय फैक्ट्री का मटेरियल ढोते हैं। वहीं बात सुरक्षा की करें, तो हादसों के लिए चर्चित ब्लैक स्पॉट्स पर न तो कोई चेतावनी बोर्ड लगे हैं, न ही स्पीड ब्रेकर जैसी बुनियादी सावधानियां अपनाई गई हैं। रात के समय यह रास्ता और भी खतरनाक हो जाता है क्योंकि तेज रफ्तार भारी वाहन और ओवरलोड ट्रक-बेधड़क दौड़ते हैं।एक ब्लैक स्पॉट चिन्हित, बाकी अनदेखेचौंकाने वाली बात यह है कि प्रशासन ने छतरपुर हाईवे पर इमलाई सीमेंट फैक्ट्री के पास केवल एक ब्लैक स्पॉट चिन्हित किया है। जबकि मारा, नरसिंहगढ़, नीमान तिराहा, बटियागढ़ क्षेत्र और बड़ी व छोटी चढ़ाइयों जैसे अन्य खतरनाक स्थानों को अब तक नजरअंदाज किया गया है, जहां लगातार गंभीर हादसे हो रहे हैं।मनमानी पर प्रशासन मेहरबान
बता दें कि नरसिंहगढ़ और इमलाई की सीमेंट फैक्ट्रियों में भारी वाहनों की उचित पार्किंग व्यवस्था नहीं है। इससे हाईवे पर दोनों ओर दिन-रात अव्यवस्थित तरीके से वाहन खड़े रहते हैं। ओवरलोडिंग भी बेरोकटोक जारी है। बावजूद इसके प्रशासन की ओर से अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे राहगीरों और स्थानीय लोगों में रोष है।
ये वो स्थान, जहां सबसे ज्यादा हादसे हो रहे
1. मारा के पास लगातार हादसे, पखवाड़े में तीन बड़े हादसे हो चुके हैं। लेकिन प्रशासन ने ब्लैक स्पॉट चिन्हित नहीं किया।2. इमलाई सीमेंट फैक्ट्री के पास 400 मीटर में लगातार हादसे हो रहे हैं। इसे चिन्हित किया है।3. नरसिंहगढ़ के पास हाईवे पर हादसों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी। लेकिन ये ब्लैक स्पॉट घोषित नहीं किया।4. नीमान तिराहा, बटियागढ़ क्षेत्र का सबसे खतरनाक तिराहा बन चुका है।5. छोटी और बड़ी चढ़ाई पर भारी वाहन पलटना आम है। फिर भी ब्लैक स्पॉट घोषित नहीं किया।
वर्जन
हादसों की रोकथाम के लिए तेज रफ्तार व ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई जारी है। छतरपुर मार्ग पर जांच हो रही है और यातायात पुलिस भी लगातार निगरानी कर रही है।
-क्षितिज सोनी, आरटीओ दमोहपत्रिका व्यूदमोह-छतरपुर हाईवे पर हो रहे लगातार हादसे प्रशासन की उदासीनता की देन हैं। जब तक ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर ठोस सुधार नहीं किए जाते, तब तक यह सड़क जानलेवा बनी रहेगी। स्थानीय नागरिकों ने कई बार मांग की है कि प्रशासन तत्काल कार्रवाई करे, संकेतक लगाए जाएं, गश्त बढ़ाई जाए और भारी वाहनों पर सख्ती बरती जाए, ताकि मासूम जिंदगियां बचाई जा सकें। लेकिन इन मांगों पर अब तक आश्वासन ही मिले हैं। परििस्थतियां कुछ ऐसी बनी हैं, मानों प्रशासन को आमजन की जान की कोई फिक्र नहीं है।