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कितना गंदा शहर है दमोह, प्रवेश से ही देखने मिलती है गंदे और बदसूरत हाल

जबलपुर बायपास से नाका तक डिवाइडर किनारे और कॉलेज बाउंड्री कचरा ही कचरा, देखरेख के अभाव में उग डिवाइडर पर उग आई कटीली झाडिय़ां

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दमोह

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Samved Jain

Nov 04, 2025

जबलपुर बायपास से नाका तक डिवाइडर किनारे और कॉलेज बाउंड्री कचरा ही कचरा, देखरेख के अभाव में उग डिवाइडर पर उग आई कटीली झाडिय़ां

जबलपुर बायपास से नाका तक डिवाइडर किनारे और कॉलेज बाउंड्री कचरा ही कचरा, देखरेख के अभाव में उग डिवाइडर पर उग आई कटीली झाडिय़ां

दमोह. जबलपुर बायपास चौराहा से दमोह शहर में एंट्री होते ही गंदगी के कुछ ऐसे नजारे लोगों को देखने मिलते हैं, जिससे पहली बार शहर में आने वाले लोग दमोह के कितनी गंदगी हैं, कहकर ही जाते हैं। अक्सर जबलपुर, भोपाल व अन्य जगहों से आने वाले लोग इस तरह के गंदे नजारे देखकर दमोह के पसरी गंदगी पर चर्चा करने से भी नहीं चूकते हैं।
दरअसल, जबलपुर नाका से बायपास तक रोड किनारे बने डिवाइडर के आजू-बाजू ढेरों गंदगी पड़ी रहती हैं, इसे देखकर ऐसा लगता हैं जैसे कभी यहां सफाई हुई ही न हो। देखरेख के अभाव में डिवाइडर पर कटीले पौधे भी उग आए हैं, जो क्रॉसिंग के दौरान बाइक सवारों को घायल कर रहे हैं। सड़क के पॉलीटेक्निक साइड की बाउंड्री के पूरे हिस्से में बेजा गंदगी पसरी हुई है। जिससे यहां देखने में भी काफी बुरा लगता है। खास बात है कि प्रशासन ने पॉलीटेक्निक की बाउंड्री किनारे से बीते साल ही अतिक्रमण हटाए थे। साथ ही तार फेंसिंग करा दी थी, जिससे उक्त एरिया सुरक्षित रह सके, लेकिन अब आसपास के रहवासी उक्त खाली पड़ी जगह पर कचरा फेकने का काम करने लगे हैं। जिससे हाइवे किनारे बेजा गंदगी यहां देखने मिलती है। इतना ही नहीं डिवाइडर किनारे और सड़क किनारे धूल और कचरा जमा होने के कारण जैसे ही कोई बस या हैवी वाहन यहां से गुजरता है तो धूल के गुबार और कचरा भी उड़कर पीछे आ रहे बाइक सवारों के ऊपर जाता है, जिससे अनेक बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी है।

  • अधिकारियों की अनदेखी से मुख्य मार्गों पर कचरा ही कचरापॉलीटेक्निक कॉलेज के फं्रट एरिया में इतनी गंदगी होने के बाद भी कोई कदम प्रशासन द्वारा नहीं उठाए जा रहे हैं, जबकि आए दिन कलेक्टर, एसपी, जिला पंचायत सीइओ के दौरान पॉलीटेक्निक कॉलेज के होते हैं, जो इसी रोड से होकर गुजरते हैं। यह एरिया ग्राम पंचायत आम चौपरा के तहत आता है, लेकिन पंचायत द्वारा भी यहां सफाई कार्य नहीं कराया जाता है। वैसे तो यह क्षेत्र नगरपालिका क्षेत्र में शामिल हो चुका है, लेकिन वार्डों के परिसीमन के कार्य में देरी से यहां के वासिंदों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
  • सौंदर्यीकरण के कार्य बदसूरती में बदलेबाहर के जिलों से बसों में आने वाले लोगों को शहर में प्रवेश के साथ ही सौंदर्य नजारा देखने मिले, इसके लिए बीते सालों में हाइवे किनारें सौंदर्यीकरण के कार्य भी कराए गए थे। पॉलीटेक्निक कॉलेज की दीवारों पर आकर्षक पेंटिंग कराई गई थी। फुटपाथ और लाइट भी यहां लगाई गईं थीं। इसके अलावा मिशन ग्रीन द्वारा यहां पौधारोपण भी किया गया था, जिससे यहां साफ-सफाई देखने मिलती थी, लेकिन यही सौंदर्यीकरण अब बदसूरती में बदल गया है। ऐसे में बाहर से आने वाले लोगों का नजरिया भी अब दमोह के प्रति बदल रहा है।