
Damoh Fake Doctor : मिशन अस्पताल(Mission Hospital) में फर्जी डिग्री के सहारे कार्डियोलॉजिस्ट बनकर मरीजों की जान से खेलने वाले डॉक्टर नरेंद्र यादव को शुक्रवार दोपहर जिला कोर्ट ने जेल भेज दिया। नरेंद्र के अधिवक्ता सचिन नायक ने आरोपी की जब्त मोबाइल के लिए कोर्ट से गुहार लगाई। बोले-फोन वापस दिला दी जाए, ताकि अधिवक्ता की फीस दे सके। हालांकि एडीपीओ संजय रावत ने कहा, मोबाइल की फोरेंसिक जांच होनी है। इसके बाद कोर्ट ने यह मांग खारिज कर दी। अब मामले की सुनवाई 1 मई को होगी।
सिटी कोतवाली पुलिस ने आरोपी नरेंद्र को 7 अप्रेल को धोखाधड़ी और दस्तावेज में जालसाजी करने के आरोप में प्रयागराज से गिरफ्तार किया था। उसे पहले पांच दिन और फिर चार दिन की रिमांड पर लिया। इस दौरान पूछताछ में कई खुलासे हुए। नरेंद्र की डिग्रियों और फर्जी दस्तावेज तैयार करने की बात भी सामने आई।
ए एसपी संदीप मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में इलाज के दौरान हुई सात मौतों के लिए अभी आरोपी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। सीएमएचओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय होगी। जरूरत पड़ी तो पुलिस नरेंद्र को और पांच दिन की रिमांड पर ले सकती है। केस में अन्य धाराएं बढ़ाई जा सकती हैं। पुलिस रिमांड में गुरुवार रात नरेंद्र की तबीयत बिगड़ गई। उसे जिला अस्पताल लाया गया। जांच के बाद डॉक्टरों ने स्थिति सामान्य बताई।
नरेंद्र यादव लंदन का कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. जॉन एनकेम बनकर 44 दिन तक मिशन अस्पताल में काम करता रहा। उसने दिल के मरीजों की सर्जरी की और इनमें 7 की मौत हो गई। इसके बाद वह गायब हो गया। एक मरीज के परिजन की शिकायत पर मामला खुला। तब मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया और पुलिस हरकत में आई। जांच में नरेंद्र के फर्जी पासपोर्ट के जरिए विदेश यात्रा करने की भी बात सामने आई है।
Published on:
19 Apr 2025 08:38 am
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