
Due to mud, the public representatives kept distance from the villager
दमोह/बम्होरी माला. आज भी क्षेत्र में कई गांव ऐसे हैं जहां पक्की सड़क न बनने के कारण लोगों को गांव तक पहुंचने के लिए बारिश में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। न तो वहां चार पहिया वाहन और ना ही दोपहिया वाहन निकल पा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं जबेरा जनपद की ग्राम पंचायत रीछाई के मजघरा गांव की। यहां आदिवासी परिवारों की संख्या अधिक है जिनका मुख्य धंधा खेती और मजदूरी करना है।
लेकिन जब यह लोग अपने गांव से किसी दूसरे गांव में मजदूरी करने या अपने बच्चों को शिक्षा के लिए समीपस्थ गांव बम्होरी या रोंड स्कूल में पढ़ाने के लिए भेजते हैं तो कीचड़ भरा रास्ता होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गांव के लोगों ने बताया कि चुनाव के समय नेता वोट मांगने के लिए तो आते हैं।
लेकिन चुनाव जीतने की बाद कोई भी नेता हम गरीबों की खबर लेने के लिए नहीं आता है। नेता सड़क बनाने का वादा करके गए थे। लेकिन चुनाव जीतने के बाद आज तक बारिस में हमारे गांव नहीं पहुंचे। बताया गया है कि रामपुरा की पुलिया से रीछाई गांव तक लगभग 2 किलोमीटर कच्ची सड़क है। इस रास्ते से इन दिनों वाहन नहीं निकल पाते हैं।
यह रास्ता चार पहिए वाहनों के लिए बंद रहता है। इमलिया और माला गांव के लोगों को यदि रीछाई गांव जाना है तो उन्हें लगभग 8 किलोमीटर दूर रोंड गांव से होकर जाना पड़ता है। जबकि सीधा रास्ता लगभग ढाई से तीन किलो मीटर का है।
इस संबंध में विधायक धर्मेंद्र से लोधी का कहना है कि मैंने प्रधानमंत्री सड़क योजना से गांव जुड़वाने के लिए लिखा था। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। अभी तो लोग बारिस में वहां आ जा नहीं सकते।
मैं चुनाव के समय गया था। मैं अभी वहां नहीं पहुंचा क्योंकि बारिश में अभी रोड वहां गड़बड़ हो गई है। एक बार और रिमांड करवाते हैं और मैं दिखाता हूं सड़क बनाए जाने की कार्रवाई का क्या हुआ।
Published on:
01 Sept 2019 08:18 am
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