
Guru Poojan did the disciples on the occasion of Guru Purnima
दमोह. गुरु तत्व का ज्ञान और सहारा जिसे मिल गया उसका बेड़ा पार हो गया। अपने गुरुओं को नमन करते हुए उनका आशीर्वाद लेने का क्रम सुबह से लेकर चंद्रग्रहण के सूतक लगने शाम 4 बजे तक चला। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान भी किए गए।
लोगों को मुस्कान के साथ जीवन जीने की कला सिखाने वाले श्रीश्री रविशंकर के शिष्यों ने अपने गुरुओं को ध्यान पूजा और ओम के उच्चारण से अपने शिष्य प्रेम की अगाध श्रद्धा प्रकट की। इस दौरान गुरु पूर्णिमा पर्व पर गुरु का संदेश भी प्रसारित किया गया। आर्ट ऑफ लिविंग एक ऐसा संगठन है जो लोगों के मन में भरी भ्रांतियों को बाहर निकालकर उस व्यक्ति की बांसुरी की तरह बना देता है, जिसको साधक द्वारा फूंकने पर मधुर बंसी की तान छिड़ती है और वह संगीत लहरियों में खो जाता है। इस दौरान आर्ट ऑफ लिविंग के टीचर प्रशांत असाटी, रितु अग्रवाल, आशीष असाटी का उनके शिष्यों ने सम्मान करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
गायत्री परिवार द्वारा टंडन बगीचा व बड़ी देवी स्थित गायत्री शक्ति पीठों पर यज्ञ के माध्यम से अपने गुरु आचार्य श्रीराम शर्मा का पूजन किया। साथ ही चंद्र ग्रहण के कारण 24 घंटे का गायत्री पाठ का शुभारंभ किया गया।
बेलाताल टापू व सर्किट हाऊस पर कार्यक्रम
भारत स्वाभिमान पतंजलि योग समिति महिला पतंजलि किसान समिति द्रारा बेलाताल टापू योग क्लास में यज्ञ हवन व सर्किट हाऊस योग वाटिका मे वृक्ष पूजन व पौध रोपण किया गया। पर्वत सींग यादव ने हर माह 1000 रुपया दान देने की घोषणा की। साथ ही सभी योग साधकों ने गुरु दक्षिणा दी। कार्यक्रम मे महेश पाठक, डॉ. केदार शर्मा, कृष्ण कुमार परौहा, विश्वनाथ धुर्वे, संदीप जैन, सरस्वती धुर्वे, छीदामी राठौर, वैद्य रशीद भाई, डॉ. सुरेंद्र पटेल, राकेश जैन, पर्वत सींग यादव, डॉ. दिनेश नामदेव, देशराज सिंह, ममता सोनी, बबलू राठौर, वैद्य रसीद भाई की मौजूदगी रही।
सिद्धि व ध्यान से गुरु को किया याद
लाडऩबाग स्थित महर्षि विद्या मंदिर में गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। विद्यार्थियों व शिक्षकों ने गुरु पूजा की। गुरु के संबंध में गीत, भजन प्रस्तुत किए। प्राचार्य राजेश दीक्षित ने महर्षि महेश योगी के गुरुदेव ब्रम्हानंद सरस्वती के बारे में विद्यार्थियों को विस्तृत जानकारी दी। ब्रह्मचारी गिरीश चंद्र वर्मा के संदेश को पढ़कर सुनाया। मुख्यअतिथि किरण कुमार खरे ने महर्षि के साथ पाए सानिध्य को विस्तार से बताया। ध्यान शिक्षक राकेश तिवारी ने महर्षि के ध्यान के बारे में विस्तार से बताया। वहीं सिद्धि शिक्षिका संध्या श्रीवास्तव ने सिद्धि सूत्रों पर प्रकाश डाला। इस दौरान विद्यालय के शिक्षकों व विद्यार्थियों द्वारा सामूहिक ध्यान एवं सिद्धि का अभ्यास किया गया। इस दौरान शिक्षकगण कृष्ण कुमार चौबे, प्रकाश बाथरे, सोमचंद जैन, तुलसीराम असाटी, दीपक जैन, आशुतोष नामदेव, हरीश रावत, राहुल जैन, योगेश श्रीवास्तव, कुलदीप करोसिया, सतीश गर्ग, सूरज मगरोठिया, विशाखा चौबे, ऋतु तिवारी, नेहा सेलट, शिवानी जैन, सरिता गौतम, संगीता पटैल, निशिधरा वर्मा, राजश्री तिवारी, रागिनी सोनी, ऋचा गोस्वामी का विशेष योगदान रहा।
ग्रह से ग्रह की दूरी का दूसरा नाम गुरु
दमोह के साकेत धाम में गुरु शिष्य परंपरा के निर्वहन के तहत श्री भगवान वेदांत आचार्य ने हवन गुरु दीक्षा का कार्यक्रम संपन्न कराया। प्रदेश व बाहर के प्रदेशों से शिष्य यहां पहुंचे थे। गुरु पाद पूजन के साथ धर्म सभा का आयोजन हुआ। भगवान वेदांत आचार्य ने कहा कि गुरु कृपा से ही भगवान की कृपा प्राप्त होती है। गुरु की कृपा होने से ही राम ने रावण का वध किया था। राकेश चतुर्वेदी, श्यामसुंदर गुप्ता, आकाश, शुभम, घनश्याम चौरसिया, भूपेन्द्र दीपेन, दुर्गेश व लखन की विशेष भूमिका रही।
भक्तों ने लगाए 2500 रुपए राशि वाले 16 पेड़
नरसिंहगढ़. गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में रामबाग में गुरुजनों को समर्पित 16 पेड़ लगाए जिसमें एक पेड़ की कीमत 2500 रुपए थी। यह शिष्यों द्वारा अपने गुरुओं के प्रति प्रकट की गई अगाध श्रद्धा थी।इन 16 पेड़ों पर ट्री-गार्ड और साल भर पेड़ की रखवाली के लिए 2500 रुपए दान राशि रखी गई है। जिस पर आज 16 लोगों ने 16 पेड़ों के लिए राशि अपने गुरुजनों के लिए समर्पित की ताकि उनके गुरुजनों की याद इन पेड़ों पर बनी रहे। इस दौरान रामकिशोर पाठक, सीताराम पाठक, परसोत्तम चौराहा, रमाकांत ठाकुर सहित अन्य की मौजूदगी रही।
गुरुपूर्णिमा पर आचार्य व दीदियों का सम्मान
दमोह। 'विद्या भारती सरस्वती शिशु मंदिरों के सभी आचार्य और दीदियों का गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में विवेक शेंड्ये ने प्राचीनकाल की महती गुरु शिष्य परंपरा में कालांतर में मुगलों और अंग्रेजों के समय में ह्रास हुआ है आज इसने व्यवसायिक परंपरा का रूप धारण कर लिया है, लेकिन अभी भी ऐसे बहुत सारे संस्थान हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा को अक्षुण बनाए हुए हैं। सरस्वती शिशु मंदिर हाईस्कूल पथरिया विद्यालय में गुरू पूर्णिमा उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर डॉ. सुरेन्द्र चौरसिया ने गुरु महिमा के संबंध में अपना उद्बोधन दिया।
गुरु मंत्रों का जाप किया
केरबना. सरस्वती शिशु मंदिर गुरु पूर्णिमा व्यास पूजन मनाया गया। यह आयोजन गाजे-बाजे के साथ किया गया। े प्रधानाचार्य बसंत दुबे ने भैया बहनों को समझाया गुरु की तथा अपने से बड़ों की किस तरह सम्मान करना चाहिए। इसके साथ बच्चों ने गुरु मंत्र का भी जाप किया गया। तथा बारी.बारी से बच्चों ने गुरु मंत्र का जाप लिया और उसके महत्व को समझा इसी के साथ प्रधानाचार्य बसंत दुबे संभू मिश्रा मुकेश खरे सरमन अखिया नीरज दुबे उसके साथ साथ ग्राम से आए परिजन जगदीश चौरसिया महेंद्र सिंह रज्जू सेन परम सिंह सम्मिलित रहे
सिद्धधाम कुसमी हनुमान मंदिर में मनाई गुरुपूर्णिमा
दमोह. बनवार, बम्हौरी, कुसमी, कुम्हारी, पटेरा अंचल के आस्था के केंद्र प्राचीन कुसमी संकट मोचन मंदिर में दिगम्बर अखाड़े के ब्रह्मलीन संत की समाधि है। रोंड, बनवार, सगरा, इमालिया, कुसमी सगोनि पटेरिया अंचल के हजारो श्रद्धालु पहुंचे। पंडित गोंविद तिवारी ने बताया कि जर्जर प्राचीन कुसमी मढ़ा का जीर्णोद्धार करके भव्य मंदिर का निर्माण किया था और मन्दिर मैं विरजमान दक्षिण व पूर्वमुखी हनुमान जी प्रतिमा विराजमान हैं। मंदिर में ब्रह्मलीन संत ओंकार गिरी महाराज के शिष्य विश्वास गिरी, महाराज आचार्य गोविंद तिवारी के सानिध्य मेंं 24 घंटे का अखंड पाठ किया गया। इस अवसर पर जमना सिंह, राजेश यादव, सतेंद्र यादव, भजन यादव सहित अन्य लोग थे।
गुरु पूर्णिमा पर बाबा की दरगाह पर आरती
हटा. उपकाशी हटा में गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मंदिरों में भक्तों द्वारा विविध कार्यक्रम आयोजित कर विशेष पूजन अर्चन के साथ गुरु का पूजन किया गया। इसी श्रंखला में देश प्रदेश में कौमी एकता की अनूठी मिसाल नगर के हजारी वार्ड में स्थिति सैय्यद नीम वाले बाबा साहब की दरगाह पर यह अनोखा उदाहरण देखने को मिला। जहां बाबा की दरगाह पर हजारों हिंदू मुस्लिम भक्त बाबा साहेब को ही अपना गुरु मानते हैं। दरगाह में पूजन अर्चन के सभी कार्यक्रम हिंदू रीति.रिवाज के अनुसार किए जाते हैं । कार्यक्रम के बारे में बाबा के विशेष भक्त मन्नूलाल सेन ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सर्वप्रथम बाबा का शाही स्नान दूध दही व पंचामृत के द्वारा किया गया। इसके उपरांत बाबा को पगड़ी बांधी गई। कलश बंदनवार बांधकर फूल मालाओं से दरगाह को सजाया गया। इसके बाद भक्तों द्वारा धूप दीप से महाआरती शंख और झालर की मधुर ध्वनि के बीच की गई। सभी भक्तों ने बाबा से देश प्रदेश में अमन चैन की प्रार्थना कर दुआ मांगी। इसके उपरांत हब्ब और मालपुआ का भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया गया वही कार्यक्रम के अंत में भंडारे का आयोजन किया गया। इस दौरान दरगाह की कमेटी से मन्नूलाल सेन, विनोद श्रीवास्तव, अरुण सिंह, नन्ही रजक, अशोक ताम्रकार, लतीफ खान, गोपाल साहू, लखनलाल, भोले ताम्रकार, नारायण वर्मा सहित सैकड़ों की तादाद में बाबा के भक्तो की मौजूदगी रही। उनके परम शिष्य मानवेंद्र सिंह हजारी सहित सैंकड़ों शिष्यों ने गुरु की चरण वंदना कर पूजन-अर्चन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके उपरांत प्रसाद वितरण एवं भंडारे का आयोजन किया गया गुरुकुल के छात्र-छात्राओं द्वारा धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
बकायन में छिड़ी स्वर लहरियां
125 साल से चली आ रही गुरु शिष्य परंपरा के तहत बकायन में सुबह से लेकर शाम तक संगीत के माध्यम से गुरु को याद किया गया। मंगलवार रात्रि 8 बजे संगीत समारोह शुरू हुआ जो देर रात तक जारी रहेगा।
Published on:
17 Jul 2019 07:07 am
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