दमोह. मुख्यालय से सटे उमरी गांव में तालाब गहरीकरण की आड़ में मुरम का अवैध खनन और ओवरलोड परिवहन का मामला सामने आया है। पत्रिका में 5 जुलाई को प्रकाशित खबर के आधार पर प्रशासन मामले की जांच करेगा। जानकारी के अनुसार शासन से मिली अस्थायी अनुमति सिंचाई उद्देश्य से दी गई थी, लेकिन अब बारिश के चलते जब गहरीकरण संभव नहीं, तो यह अनुमति स्वतः निरस्त मानी जाएगी।
शासन की गाइडलाइन साफ
खनिज विभाग की गाइडलाइन के अनुसार तालाबों से मिट्टी या मुरम केवल सार्वजनिक हित या सिंचाई सुधार के लिए ही निकाली जा सकती है। लेकिन यदि तकनीकी सर्वे में यह सिद्ध हो जाए कि गहरीकरण संभव नहीं, तो विभाग लीज को निरस्त कर देता है और क्षेत्र में खनन पूर्णतः प्रतिबंधित हो जाता है। इसके बाद यदि कोई केवल खनन के उद्देश्य से मुरम निकालता है तो उसके खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई होती है।
कलीम खान की भूमिका आई सामने
इस मामले में प्रकाशित हुई खबर के बाद कलीम खान नामक बिचौलिये की भूमिका उजागर हुई है। उसने पत्रिका से बातचीत में स्वीकार किया कि वह जैद सौदागर के कहने पर मुरम खुदाई और परिवहन का यह काम करवा रहा है। बताया गया कि पहले फरीद खान उर्फ राजू सेठ की जमीन पर तालाब गहरीकरण के नाम पर मुरम निकासी की रॉयल्टी स्वीकृत कराई गई। खनिज विभाग ने जैद सौदागर को अस्थायी तौर पर मुरम परिवहन की अनुमति दी थी, लेकिन अब नियमों को दरकिनार कर मुरम का परिवहन किया जा रहा है।
ओवरलोड वाहन और संदेहास्पद पुलिस भूमिकाउमरी गांव से भारी ओवरलोड वाहन छतरपुर स्टेट हाइवे के इमलाई डंपिंग प्वाइंट तक पहुंच रहे हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों और हाइवे पर दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार देहात थाना पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। बताया जा रहा है कि पुलिस को अनैतिक लाभ मिलने के चलते वह इस अवैध परिवहन पर मौन साधे हुए है।
वर्जन
मामला संज्ञान में आया है। यदि ओवरलोड वाहन नियम विरुद्ध चल रहे हैं, तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मैं इस मामले को दिखवाता हूं।
सुजीत सिंह, एएसपी
Published on:
05 Jul 2025 05:33 pm