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इन्टरव्यू – जिले में अच्छी शिक्षा और स्वरोजगार की अब भी है दरकार

महिलाओं व बालिकाओं को आज भी नहीं मिल पा रही सुरक्षा  

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Interview - There is still a need for good education and self-employme

Interview - There is still a need for good education and self-employme

दमोह. जिला पंचायत अध्यक्ष रंजीता गौरव पटेल कांग्रेस समर्थित हैं। वह जिले की चारों विधानसभाओं का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। पत्रिका ब्यूरोचीफ राजेश कुमार पांडेय से विशेष साक्षात्कार के दौरान उन्होंने जिला पंचायत के सभी कार्यों पर बेबाकी से चर्चा की। साथ ही प्रदेश में भाजपा सत्ता में होने व वह कांग्रेस से होने पर किए जा रहे भेदभाव को भी बेबाकी से रखा। लंबी बातचीत के कुछ अंश हम यहां रख रहे हैं।
पत्रिका- आप कांग्रेस समर्थित जिलाध्यक्ष हैं, आप भाजपा शासनकाल में स्वतंत्रता से कार्य कर पा रही हैं।
जवाब- विरोधी दल का सदस्य होने से मेरी सुझाई योजनाओं व विकास कार्यों में अड़ंगा लगाया जा रहा है, हम चुनौतियों का सामना करते हुए चारों विधानसभा में कार्य कर रहे हैं। क्योंकि हमें जनता ने चुना है, उसके अनुरूप हम खरा उतरने के लिए काम कर रहे हैं।
पत्रिका- दमोह जिले में सबसे ज्यादा पलायन हो रहा है, मनरेगा का लाभ नहीं मिल रहा है।
जवाब- हां यह सही है कि दमोह जिले से सबसे ज्यादा पलायन हो रहा है। उसका कारण यह है कि मजदूरों को तत्काल मजदूरी का भुगतान चाहिए जो समय पर नहीं होता है। मजदूरों के न मिलने से हाथ का काम मशीनों से कराकर कियोस्क बैंकों से भुगतान का फर्जीबाड़ा किया जा रहा है। मजदूरों को तत्काल भुगतान किया जाए तो फर्जीबाड़ा रुक सकता है।
पत्रिका- दमोह जिले में 100 से अधिक गांव ऐसे हैं जहां सड़क मार्ग भी नहीं है।
जवाब- जिला पंचायत के अंतर्गत खेत सड़क व सुदूर सड़कों का निर्माण कराया जाता था। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अड़ंगा लगाए हैं। जिससे आज भी ऐसे 100 से अधिक गांव हैं जहां आजादी से अब तक सड़कें नहीं बन पाई हैं।
पत्रिका- जिले के सरकारी स्कूलों की शिक्षा का स्तर कैसा है, बालिका व महिला सुरक्षा कैसी है।
जवाब- दमोह जिले के सरकारी स्कूलों के पहली से पांचवीं तक के बच्चों शिक्षा स्तर काफी कमजोर है। जिसकी मैंने स्वयं जांच की है। एक जिले के स्कूल की बालिकाएं प्रताडऩा की शिकार हैं, जिसके लिए एसपी को पत्र दिया है। दमोह जिले में महिलाएं भी असुरक्षित हैं।
पत्रिका- दमोह जिले में महिला स्व सहायता समूह उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बाजार नहीं मिल रहा है।
जवाब- यह सच है कि दमोह जिले में महिला स्व सहायता समूह गांवों में अच्छा काम करते हुए वस्तुओं का उत्पादन कर रहे हैं, उनकी सामग्री के लिए बाजार उपलब्ध नहीं है। जिस पर हम रूरल थोक मार्केट दमोह में बनाने का विचार कर रहे हैं, हमारे पास जमीन भी उपलब्ध है।
पत्रिका- अभी तक जिला पंचायत के कार्याकाल में आपने क्या कार्य किए हैं।
जवाब- जलसंरक्षण के कार्य कराए गए हैं। पटेरा में कैडल फीड युनिट शुरू कराई है। जिसमें एक दो लीटर दूध प्राप्त करने वाले परिवार इस युनिट में दूध जमा कर दाना या पैसा ले रहे हैं। इस तरह की युनिट अन्य जगह भी शुरू कराएंगे।