शंकराचार्य जयंती पर व्याख्यान माला का आयोजन
युवाओं ने लिया आध्यात्मिक व सांस्कृतिक मूल्यों का संदेश


दमोह. मध्यप्रदेश आदि गुरु शंकराचार्य की जन्म जयंती के पावन अवसर पर शासकीय पीजी कॉलेज दमोह में व्याख्यान माला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें शंकराचार्य के जीवन दर्शन, अद्वैत वेदांत और उनके आध्यात्मिक योगदान पर विस्तृत चर्चा हुई।
आदि गुरु शंकराचार्य का जीवन अद्वैत दर्शन और राष्ट्र चेतना का अद्भुत संगम, मुख्य वक्ता नरेंद्र दुबे ने अपने उद्बोधन में आदि गुरु शंकराचार्य के जीवन और कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य का जन्म केवल एक संत या दार्शनिक के रूप में नहीं हुआ था, बल्कि वे भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के पुनर्जागरण के प्रतीक थे।
उन्होंने कहा कि शंकराचार्य ने मात्र 32 वर्ष के जीवनकाल में भारतवर्ष को एक अद्वितीय आध्यात्मिक एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया। उनके द्वारा चार धामों में स्थापित मठ आज भी ज्ञान, साधना और भारतीय दर्शन के प्रमुख केंद्र हैं। अहम ब्रह्मास्मि के विचार को प्रतिपादित करते हुए उन्होंने बताया कि शंकराचार्य का अद्वैत वेदांत दर्शन आत्मा और परमात्मा की एकता का संदेश देता है, जो समत्व और विश्व बंधुत्व की भावना को जन्म देता है।
दुबे ने युवाओं से आह्वान किया कि वे शंकराचार्य के विचारों को आत्मसात करें और सामाजिक व आध्यात्मिक चेतना के वाहक बनें। शंकराचार्य का जीवन ज्ञान, दर्शन और आत्मविकास की प्रेरणा कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव, विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र विभाग, पीजी कॉलेज दमोह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य का जीवन हमें यह सिखाता है कि आत्मज्ञान ही सच्चा ज्ञान है।
उन्होंने कहा कि शंकराचार्य के विचार केवल दार्शनिक नहीं, बल्कि अत्यंत व्यावहारिक भी हैं। वे जीवन में संतुलन, धैर्य और नेतृत्व की भावना को विकसित करने में सहायक हैं। डॉ. यादव ने युवाओं को शंकराचार्य के विचारों से प्रेरणा लेकर आत्मविकास की ओर बढऩे की सलाह दी। अन्य विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति। इस अवसर पर पंडित राहुल पाठक, जितेन्द्र चौधरी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
नवांकुर संस्थाओं से बबली विश्वकर्मा, सीमा जाट व जितेन्द्र सिंह राजपूत ने सक्रिय भागीदारी की। साथ ही परिषद के परामर्शदाता राजकुमार सेन, भावना दुबे, राहुल खरे व बृजेश सेन की उपस्थिति रही। युवाओं की सहभागिता और प्रेरणा मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम के अंतर्गत अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने भी इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक सहभागिता की। उन्होंने शंकराचार्य के जीवन से प्रेरणा लेते हुए सामाजिक नेतृत्व के महत्व को समझा।
आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के अंत में वंदना जैन, विकासखंड समन्वयक द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया। उन्होंने सभी अतिथियों, वक्ताओं, छात्र-छात्राओं व आयोजन में सहयोग देने वाले सभी व्यक्तियों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया।
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