कलेक्टर की बड़ी गलती का खामियाजा भुगत रहे बच्चे, स्कूल भी नहीं बदल रहे पुस्तकें, परीक्षा की तैयारी
दमोह. एनसीइआरटी द्वारा शैक्षणिक सत्र २०२५-२६ के लिए चार कक्षाओं का सिलेबस बदल दिया है। इससे जिले के करीब ५० हजार बच्चे प्रभावित हुए हैं, जिन्होंने कलेक्टर के आदेश पर पुरानी पुस्तकें मेला से खरीद ली थीं। पत्रिका द्वारा मामला सामने लाने के बाद अब तक इस मसले पर प्रशासन द्वारा कोई ठोस निर्णय नहीं ले सका है। नजीतन, पुराने सिलेबस से स्कूलों में पढ़ाई जारी है और अब इसी सिलेबस से त्रैमासिक परीक्षा भी होने जा रही हैं। इस तरह कक्षा चौथी, पांचवीं , सातवीं और आठवीं के बच्चे दमोह में पुराने सिलेबस से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
पत्रिका ने जब मामले में पड़ताल की तो स्पष्ट हुआ है कि इस बार चेंज हुए सिलेबस में एक-दो विषय नहीं, बल्कि पुस्तक का अधिकांश हिस्सा ही बदल दिया गया है। खासकर के कक्षा 7 और 8 की इतिहास की किताबों में मुगल साम्राज्य और दिल्ली सल्तनत जैसे टॉपिक्स को हटा दिया गया है। आठवीं क्लास की सोशल साइंस की किताब का पार्ट-1 एक्सप्लोरिंग सोसाइटी इंडियन एंड बियॉन्ड जुलाई में ही जारी की गई थी। एनसीईआरटी की नई किताबों में से यह पहली किताब है जो स्टूडेंटस को दिल्ली सल्तनत और मुगलों से परिचित कराती है। एनसीईआरटी की नई किताब में 13वीं से 17वीं सदी तक के भारतीय इतिहास के बारे में बताया गया है। इस किताब में मुगल सल्तनत काल को लूटपाट और मंदिरों को तोडऩे के रूप में दिखाया गया है। वहीं अकबर के शासन को कू्ररता और सहिष्णुता का मिलाजुला रूप बताया है। इसके पहले की किताब में सल्तनत काल को इस रूप में पेश नहीं किया गया था।