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E-Panchayat-खास अवसरों पर ही खुलते हैं पंचायत कार्यालयों के ताले

लोगों को नहीं मिल रहीं शासन की सुविधाएं, ई पंचायत बनाने के लिए खरीदे गए सामान गायब

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narendra shrivastava

Oct 02, 2016

E-Panchayat

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मडिय़ादो। ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतों को इंटरनेट सुविधा से जोडऩे के लिए मध्यप्रदेश और केन्द्र सरकार ने संयुक्त रूप से डिजिटल ग्राम पंचायत की पहल की है। इंटरनेट से जोडऩे के लिए दो वर्ष से प्रयास जारी हैं। लेकिन हकीकत में ये ग्राम पंचायतें ई-ग्राम पंचायतें नहीं हो सकी हैं।
हटा जनपद पंचायत की अंतगत ग्राम पंचायतों में करोड़ों से खरीदे गए इलेक्ट्रानिक उपकरण, कम्प्यूटर, एलईडी, पिं्रटर, स्केनर, इन्वेटर,यूपीएस जैसे सामान ग्राम पंचायत कार्यालयों से गायब है। सचिवों के घर पर रखे हुए उनके घर की शोभा बढ़ा रहे है।
ग्राम पंचायत चौरईया, घोघरा, बछामा, नारायणपुरा, दामोतिपुरा, अमझिर, कांटी, काईखेड़ा, शिवपुर, मलवारा, मादो, निवास, पाली, कनकपुरा,बर्धा सहित विभिन्न गाम पंचायतों के सचिव मुख्यालय पर नहीं रहते। अपने निवास स्थल पर पंचायतों के कीमती उपकरण रख कर घर बैठ कर खानापूर्ती करते है।
ई-ग्राम पंचायत में सभी मजदूरों का ई-पंजीयन,राशन का ई-पंजीयन पेंशनधारियों का ई-पंजीयन होना अनिवार्य है। लेकिन पंचायत कार्यालयों के ताले नहीं खुलने से हितग्राहियों को परेशान होना पड़ रहा है। ग्रामीणों को सचिवों के निवास पर जाकर घर से काम करानेे पड़ते हैं। जैसे आने जाने में किराया व समय खर्च हो रहा है।
ग्रामीणों की माने तो अधिकांश ग्राम पंचायतों के कार्यालय गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के समय ही खुलते है। यहां तक की ध्वजारोहण के बाद चले जाते है शाम को ध्वजा उतारने के लिए किसी को मजदूरी दे कर जिम्मा सांैप देते है। अधिकांश ग्राम पंचायतों के सचिवों का कहना है ग्रामीण अंचल में नेटवर्क ठीक तरह से काम नहीं करता जिस कारण पंचायत कार्यालय मेें उपकरण रखने से कोई फायदा नहीं है। नेटवर्क न मिलने की परेशानी को देखते हुए घर से काम करना पड़ रहा है। हालांकि इसमें किसी के काम नहीं रूकते लोगों को परेशानी नहीं होना चाहिए।

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