
घिस गए अंगूठे, नहीं आ रहे फिंगरप्रिंट
दमोह जिले केंद्र सरकार का नया सिस्टम स्मार्ट पीडीएस फ्री अनाज वितरण को लेकर लागू हो गया है। इससे राशन वितरण का कार्य पूरी तरह से पारदर्शी हो जाएगा। हालांकि, यह सिस्टम लागू होने से पहले हजारों गरीबों के राशन पर संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि डेढ़ लाख लोग ऐसे हैं, जिनकी ई केवायसी नहीं हो पाई है। इस वजह से उन्हें 15 मई के बाद राशन नहीं मिलेगा। इसमें बड़ी संख्या में ऐसे बुजुर्ग और बच्चे हैं, जिनके बायोमेट्रिक सिस्टम पर अंगूठे के निशान की छाप नहीं आ रही है। किसी के पास मोबाइल नंबर नहीं है।
नया सिस्टम में हर उपभोक्ता के अलावा राशन दुकान की ऑनलाइन निगरानी होगी। किस उपभोक्ता भंडार पर कितना राशन पहुंचा। संबंधित दुकान से कितने परिवारों को वितरण किया गया। शेष राशन कितना बचा है इसकी जानकारी के लिए अब अधिकारियों को उपभोक्ता केंद्र पर का निरीक्षण करने की जरूरत नहीं है। दरअसल यह सारी जानकारी वे अपने दफ्तर में ही बैठकर देखी जा सकेगी। स्मार्ट पीडीएस स्कीम के तहत जिले की सभी दुकानें डिजिटल रूप में स्मार्ट बनेंगी। इन दुकानों की ऑनलाइन मॉनिटङ्क्षरग की जाएगी। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा इस स्कीम के क्रियान्वयन में 60 प्रतिशत राशि दी जाएगी। 40 प्रतिशत राशि को राज्य सरकार खर्च करेगी।
जिले में 10 लाख 78 हजार उपभोक्ताओं को गरीब कल्याण योजना के तहत नि:शुल्क अनाज दिया जाता है। लेकिन इसमें से करीब डेढ़ लाख लोगों की ई-केवायसी नहीं हो पाई है। इसमें 20 फीसदी लोग तो ऐसे लोग हैं, जिनके अंगूठे के निशान नहीं आ पा रहे हैं। इसमें बुजुर्गों की संख्या काफी है। वहीं 40 फीसदी ऐसे उपभोक्ता हैं, जो मिल नहीं रहे हैं। इसी तरह 20 फीसदी युवतियां हैं, जिनके नाम राशन कार्ड में तो हैं, लेकिन उनके विवाह हो चुके हैं। वह अपना नाम कटवाने नहीं आ रही हैं। ऐसे में ये नहीं पता चल रहा कि उनके नाम दूसरी जगह जुड़े हैं या नहीं।
10 लाख 78 हजार सदस्य जिले में दर्ज।
9 लाख से अधिक की हो चुकी केवायसी
डेढ़ लाख करीब अब भी शेष
15 मई है आखिरी डेट
समस्या जो भी उसका समाधान किया जाएगा, लेकिन मौजूदा स्थिति में ई-केवायसी जरूरी है। ये नहीं होने पर उक्त व्यक्ति को राशन नहीं मिलेगा। आगे इसमें कोई विकल्प आता है तो प्रयास किए जाएंगे।
Updated on:
04 May 2025 02:23 am
Published on:
04 May 2025 02:22 am
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