
भोपाल/दमोह.बसपा विधायक रामबाई ( Rambai Husband ) के पति गोविंद सिंह को क्या बचा रही है मध्यप्रदेश ( madhya pradesh ) की कांग्रेस सरकार ( kamal nath government )। सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि कांग्रेस नेता की हत्या मामले में आरोपी गोविंद सिंह पर जब पच्चीस हजार रुपये के इनाम घोषित किए गए थे। और 302 के मामले में गोविंद नामजद अभियुक्त था तो फिर उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या के बाद उनके परिजनों गोविंद सिंह और उनके लोगों को आरोपी बनाया था। तो फिर गोविंद खूलेआम घूमने की छूट कैसे मिल गई।
रामबाई के पति गुरुवार को विधानसभा परिसर में खुलेआम घूमते देखे गए। विवाद बढ़ा चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच हत्या का आरोपी सदन में कैसे पहुंचा। घटना के चार महीने बीत जाने के बाद भी आरोपी खूलेआम कैसे घूम रहा है। सफाई देने पहले दमोह के एसपी विवेक सिंह आए। उन्होंने कहा कि गोविंद सिंह उस मामले में नामजद अभियुक्त था। बाद में उसके द्वारा दिए गए आवेदनों के आधार मामले की विवेचना की गई। विवेचना अभी की जा रही हैं। जब तक आरोप सही नहीं पाए जाते हैं तब तक वह घूम सकता है।
किरकिरी पर कांग्रेस की सफाई
विधानसभा परिसर में रामबाई के साथ पति गोविंद सिंह का वीडियो वायरल है। विधानसभा परिसर में सरेआम एक हत्या का आरोपी विधायकों से हंसी ठिठोली कर रहा है। सरकार और उनके मुलाजिमों को इसकी खबर तक नहीं है। गृह मंत्री बाला बच्चन ने तो कहा कि मुझे मालूम ही नहीं है। एक हत्या के आरोपी को बचाने के लिए मध्यप्रदेश कांग्रेस ने सफाई दी कि गोविंद सिंह के ऊपर कोई वारंट नहीं है। न ही वो फरार हैं।
25 हजार रुपये का घोषित था इनाम
लेकिन चार महीने में केस का रुख कैसे बदल गया है, सवाल इस पर भी उठ रहे हैं। जब 15 मार्च 2019 को देवेंद्र चौरसिया की हत्या हुई थी। तब गोविंद सिंह आरोपी थे। हटा पुलिस ने इनकी तस्वीर लगी पोस्टर शहर में चस्पाए थे। गोविंद सिंह फरार हैं। तत्कालीन एसपी आरएस बेलवंशी कह रहे हैं कि गोविंद सिंह और अन्य आरोपियों पर पहले दस हजार रुपये के इनाम थे। बाद में हमने इसे बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने प्रस्ताव दिया था। जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
ये लोग थे आरोपी
दरअसल, दमोह के हटा में कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया की हत्या 15 मार्च को हुआ था। इसमें मुख्य आरोपी बसपा से पथरिया विधायक रामबाई सिंह के पति गोविंद सिंह, देवर चंदू सिंह, भाई लोकेश सिंह, भतीजा गोलू सिंह शामिल थे। जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा नेता शिवचरण पटेल का बेटा इंद्रपाल भी इसमें आरोपी है। घटना के कुछ ही दिन बाद तत्कालीन एसपी आरएस बेलवंशी का वहां से तबादला हो गया था।
क्यों बचा रही है सरकार
हत्या के इस मामले में 302 के अभियुक्त होने के बावजूद भी गोविंद सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई। उन्हें मौका दिया गया कि वे फरार रहते हुए अपना बचाव करें। नहीं तो इस तरह के आरोपों में अभियुक्तों की तुरंत गिरफ्तारी होती है। लेकिन इसके सियासी मायने हैं। मध्यप्रदेश सरकार चलाने के लिए कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है। सरकार बसपा के तीन, सपा के दो और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है। बसपा विधायक लगातार मंत्री पद की मांग भी करती है। साथ ही कांग्रेस सरकार को यह डर है कि अगर बसपा समर्थन वापस लेती है तो सरकार पर खतरा है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस की सरकार रामबाई के पति को बचा रही है।
Updated on:
19 Jul 2019 07:03 pm
Published on:
19 Jul 2019 07:02 pm
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