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शिक्षा विभाग भी हुआ स्कूल प्रबंधन की तरह बेरहम, इतनी गर्मी में भी नहीं नजर आ रहे बच्चों के चेहरे

घर आते समय स्कूली बच्चों के चहरे तेज तपन से हो जाते हैं लाल

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शिक्षा विभाग भी हुआ स्कूल प्रबंधन की तरह बेरहम, इतनी गर्मी में भी नहीं नजर आ रहे बच्चों के चेहरे

तपन का असर स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल पड़ रहा है

दमोह. इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी की वजह से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो चुका है। खासतौर से तेज तपन का असर स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल पड़ रहा है। स्कूल बच्चे लू लपट की वजह से बीमार पड़ रहे हैं। अभिभावकों के अनुसार सुबह सात बजे से घर से निकले बच्चे जब दोपहर को स्कूल से वापिस घर आते हैं तो बच्चों के चहरे लाल पड़ जाते हैं।

पत्रिका द्वारा जब दोपहर को घर वापिस जाते स्कूली बच्चों को देखा गया तो वास्तविकता यही सामने आई है। बच्चे चिलचिलाती धूप की वजह से हालाकान देखे गए। उनके मासूम चहरे धूप की वजह से लाल और सुर्ख आंखे गर्मी की भीषण होने की बात बखान रहीं थीं। बच्चों को हो रही इस परेशानी पर अब तक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया है।


मामले में कुछ अभिभावकों से बात की तो अभिभावक राकेश जैन, रमेश जैन, लक्ष्मणेश तिवारी, लक्ष्मण सोलंकी, नारायण पटेल, दीपक पटेल, राजीव शुक्ला सहित अन्य ने बताया कि उनके बच्चे सुबह ०७ बजे घर से निकल जाते हैं और ढाई बजे दोपहर को वापिस घर पहुंचते हैं। इस दौरान गर्मी की वजह से बच्चों को काफी परेशानी हो रही है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को दोपहर के समय घर लौटते समय लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं दूसरी ओर मामले में एक और तथ्य यह सामने आया है कि बच्चों को भारी वजनी स्कूल बैग साथ में लेकर स्कूल जाना पड़ता है। अधिक वजन ढोने की वजह से बच्चों को गर्मी के इन दिनों में अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है।


गस्त खाकर गिरते हैं बच्चे


अधिक गर्मी की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। डॉक्टर दिवाकर पटेल ने जानकारी दी है कि तेज तपन की वजह से बच्चों के शरीर में डीहाइड्रेशन की स्थिति अधिक निर्मित हो जाती है। बच्चों में गर्मी का असर शीघ्रता से स्वास्थ्य पर हानिकारकर प्रभाव डालता है। इसके अलावा गर्म हवाओं की वजह से लू लगने की स्थिति भी इन दिनों अधिक देखी जा रही है। समय से खानपान नहीं होने के कारण भी बच्चे बीमार हो रहे हैं। डॉ. पटेल के अनुसार गर्मी के इन दिनों में बच्चों की विशेष देखभाल होनी चाहिए। विदित हो कि आए दिन यह बात सामने आ रही है कि स्कूल में बच्चे प्रार्थना करते समय या किसी कारण वश धूप में खड़े रहने की वजह से गस्त खाकर गिर पड़ते हैं।


ऑटो, बसों में गर्मी झेलने मजबूर


बच्चे जहां स्कूल की इमारत में घंटों तक गर्मी की वजह से हलाकान रहते हैं। वहीं छुट्टी होने पर ऑटो व बसों में लगने वाली गर्म हवाओं के थपेड़ों की वजह से परेशान हो रहे हैं। अभिभावक बच्चों की परेशानी से वाकिफ हैं लेकिन निजी स्कूलों के दबाव के चलते वह बच्चों को स्कूल भेजना बंद नहीं करा पा रहे हैं।


३० अप्रैल से होंगे ग्रीष्मकालीन अवकाश


बच्चों को होने वाली इस परेशानी को लेकर जिला परियोजना समंवयक सर्व शिक्षा राजेंद्र पटेल से बात की तो उन्होंने जानकारी दी है कि ३० अप्रैल से ग्रीष्म कालीन अवकाश के निर्देश स्कूल प्रबंधनों को दिए जा चुके हैं। वहीं जब राजेंद्र पटेल से इन दिनों हो रही गर्मी और इसकी वजह से परेशान हो रहे बच्चों के संबंध में बात की तो उन्होंने कहा है कि इस संबंध में अभी जिला प्रशासन की ओर से कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। अधिकारी पटेल का कहना है कि निजी स्कूलों को निर्देश दिए गए थे कि दोपहर एक बजे तक ही स्कूल लगाए जाएं।