
दमोह. शहर में अंतिम संस्कार के लिए वन विभाग के डिपो में लकड़ियों की कमी लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। डिपो में लकड़ी नहीं मिलने से शोक संतप्त परिजनों को मजबूरी में निजी टालों से ऊंचे दामों पर लकड़ी खरीदनी पड़ रही है। जहां वन विभाग के डिपो पर 400 से 500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से लकड़ी मिलती थी, वहीं अब निजी टालों पर यही लकड़ी दो से तीन गुना दाम पर बिक रही है।
लकड़ी आपूर्ति बाधित, अब पहुंची सागर से खेपबताया गया है कि बीते कुछ समय से वन विभाग के डिपो में लकड़ी की आपूर्ति रुकी हुई थी। इस कारण लोगों को टालों की मनमानी कीमतों पर निर्भर होना पड़ रहा था। शिकायतों के बाद वन विभाग ने सागर से लकड़ी की खेप मंगाई, लेकिन यह खपत के हिसाब से काफी कम होना बताई गई है।
वहीं इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मोंटी रैकवार, विशाल, पंकज दुबे, हरिओम विश्वकर्मा का कहना है कि अंतिम संस्कार के लिए विशेष आपूर्ति व्यवस्था बनाई जाए, निजी टालों की कीमतों पर निगरानी रखी जाए, डिपो में नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि शोक की घड़ी में लोगों को असुविधा न हो।पत्रिका व्यू
अंतिम संस्कार जैसे संवेदनशील समय में लकड़ी की किल्लत एक गंभीर समस्या बन गई थी। हालिया आपूर्ति से राहत जरूर मिली है, लेकिन जरूरत है स्थायी व्यवस्था और मूल्य नियंत्रण की, ताकि कोई भी परिवार दुख की घड़ी में वित्तीय बोझ या असुविधा का शिकार न हो।
वर्जन
कुछ समय लकड़ी की कमी रही। हालांकि अब सागर से मंगाकर आपूर्ति बहाल की गई है। वर्तमान में तेंदूखेड़ा, दमोह और सागौनी डिपो में अंतिम संस्कार के लिए उचित दर पर लकड़ी उपलब्ध है।
ईश्वर जरांडे, डीएफओ दमोह
Published on:
02 Jul 2025 10:39 am
बड़ी खबरें
View Allदमोह
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
