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साइलो सेंटर जहां 7 मिनट में किसान को मिल रही तौल पर्ची

दमोह के 18 केंद्रों के किसानों को गेहूं तुलाने में नहीं हो रही दिक्कत

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Slip the weighing of the farmer in 7 minutes

Slip the weighing of the farmer in 7 minutes

दमोह. गेहूं उपार्जन के लिए जिले के कुल 71 केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन जिले में 18 केंद्र के किसानों को ऐसी सौगात मिली है कि किसान उपार्जन केंद्र की बाउंड्री के अंदर पहुंचने के महज 7 मिनट में तुलाई होकर उसे तौल पर्ची मिल रही है और वह खुशी-खुशी जा रहा है। शेष दूसरे उपार्जन केंद्रों जहां रिश्वत लेकर सैंपल पास किए जा रहे हैं, वहीं इस सेंटर पर रिश्वत देने वाले किसानों के रुपयों के साथ सैंपल रखे जा रहे हैं।
जिले के 53 गेहूं उपार्जन केंद्र ऐसे हैं, जहां पर किसानों को हम्मालों को, सर्वेयरों को व समिति के ऑपरेटरों को रिश्वत देना पड़ रही है तब जाकर माल तुलाई हो रही है, लेकिन दमोह के आमचौपरा में पनामा एग्रीकल्चर द्वारा बनाए साइलो सेंटर ऐसा है, जहां बगैर रिश्वत के मापदंडों के आधार पर हाथों-हाथ माल तुलकर उसे तौल पर्ची मिल रही है। दमोह जिले के अन्य सेंटरों पर किसान को एक से पांच दिन तुलाई के लिए लग रहे हैं, वहीं इस सेंटर पर महज 7 मिनट में उसे तौल पर्ची मिल रही है।
18 सहकारी समिति के लिए बना सेंटर
जबलपुर-सागर बायपास पर पहाडिय़ों के बीच-बीच बने साइलों सेंटर में 18 सहकारी समितियों के खरीदी केंद्र स्थापित किए गए हैं। जिनमें अभाना, भूरी बिजौरी, बकैनी, देवडोंगरा, बांदकपुर, गुंजी, बरधारी, हिंडोरिया, बांसा, खिरिया मंडला, मुडिय़ा, नोहटा, पिपरिया, चंपत पिपरिया, सरखड़ी व टिकरी पिपरिया सहकारी समिति शामिल हैं। जहां केवल सहकारी समितियों की भूमिका उनके ऑपरेटरों की है मैसेज भेजने व मैंटेन करने की शेष पूरी व्यवस्था पनामा कंपनी के 58 कर्मचारी व 15 दैनिक मजदूरों के अलावा 3 महिलाएं श्रमिक शामिल हैं।
बारदाना व हम्मालों की वसूली से मिला छुटकारा
सागर संभाग में दमोह के आमचौपरा में बना साइलो सेंटर किसान के एक-एक दाना सुरक्षित करने में लगा हुआ है। यहां किसान के श्रम, अर्थ और समय की बचत हो रही है। यहां पहुंचने वाला किसान इसलिए भी खुश है कि उसे बारदाना की समस्या के साथ हम्माली की अवैध वसूली से मुक्ति मिलने के साथ ही समिति प्रबंधक, कर्मचारियों व ऑपरेटरों के साथ सर्वेयरों की अवैध मांगों से छुटकारा मिला हुआ है।
अत्याधुनिक मशीनें कर रही उपज सुरक्षित
संभाग के पहले साइलो सेंटर में किसान सीधे ट्रॉली में माल ला रहे हैं, यहां ट्रैक्टरों की लंबी कतारें लग रही हैं, करीब 100 ट्राली एक घंटे में खाली हो रही हैं। जिसके पीछे कारण यह है कि यहां लैब टेस्ट परीक्षण तत्काल होने के बाद दो धर्मकांटा पर उपज तुल जाती है, जिसके बाद माल सहेजने के लिए 4 ग्रीन कार्ड, 4 बैगर द्वार माल सुरक्षित किया जाता है, फिर उसे साइलो बैग में डाल दिया जाता है। साइलो बैग में उपज जाने के बाद 54 डिग्री तक अधिकत्तम तापमान, माइनस जीरो डिग्री तक न्यूनतम तापमान और तेज बारिश को भी झेलने की क्षमता रखता है। जिससे अत्याधुनिक मशीनें एक-एक दाना को सुरक्षित करने में लगी हुई हैं।
सैंपलिंग के पारदर्शी तरीके नहीं भा रहा
इस सेंटर पर सैंपलिंग का पारदर्शी उन व्यापारियों को नहीं भा रहा है, जो किसानों से सेटिंग कर अपना घुना, कीड़ा लगा व कचरा युक्त गेहूं सेंटर भेज रहे हैं। अपना सैंपलिंग पास कराने के लिए लिए सैंपल की बाल्टियों में रुपए तक डालकर भेज रहे हैं। ऐसा ही एक सैंपल 7 मई को पहुंचा था, जिसमें सबसे ज्यादा मिट्टी थी उस बाल्टी में 200 रुपए निकले थे, जिसका माल रिजेक्ट किया गया था और उसका सैंपल सुरक्षित रखते हुए 200 रुपए भी रखे गए हैं। यहां व्यापारियों द्वारा सर्वाधिक घुना व राशन का गेहूं भी भेजा रहा है, जिससे एक दिन में 30 ट्राली से अधिक माल रिजेक्ट किया जा रहा है, जबकि किसानों द्वारा नया गेहूं तत्काल साइलो सेंटर में जमा किया जा रहा है। जिससे इस सेंटर पर वास्तविक किसान तो खुश नजर आ रहे हैं, लेकिन जो व्यापारियों की उपज जमा कराना चाहते हैं उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।
वर्जन
सेंटर उपज पहुंचने पर पहले लैब टेस्ट कराई जाती है, लैब टेस्ट इसलिए करा रहे हैं कि सीधे उपज हम सरकार को वापस करेंगे, यदि उसमें कीड़े व कचरा हुआ तो पूरी उपज खराब हो जाएगी, इसलिए कीड़े, कचरा वाला गेहूं रिजेक्ट किया जा रहा है, कीड़े पुराने गेहूं में आ रहा हैं। रिश्वत देने का प्रयास भी किया जा रहा है, लेकिन हम सरकार को एक-एक दाना सुरक्षित वापस करना चाहते हैं, इसलिए पारदर्शी तरीके से खरीदी हो रही है।
अर्पित दुबे, इंचार्ज मैनेजर, पनामा एग्रीकल्चर दमोह