ग्रामीण दयाराम यादव ने बताया की लगभग 13-14 वर्ष पूर्व नोहटा पुल के पास कामधेनु गौ-शाला का निर्माण किया गया था, जिसका उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती ने किया था, लेकिन उसके बाद जिला प्रशासन व पशु विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया, कारण बगैर शुरू किए ही गौ-शाला पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर गिरने की कगार पर पहुंच गई है। न तो गौ-शाला में शेड के ऊपर से छप्पर बचा है, न ही बाऊंड्री के गेट व खिड़की दरवाजे बचे हुए हंै। कंछेदीलाल का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा पशुओं के कल्याण के लिए गौ-शाला का निर्माण तो करा दिया था, लेकिन जिम्मेदार पशु विभाग द्वारा लापरवाही के कारण शासन द्वारा लाखों रुपए खर्च कर बनाई गई गौ-शाला उद्घाटन के बाद बगैर चालू किए हुए आज तक बंद पड़ी हुई हैं।