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Cowshed-लाखों रुपये खर्च, बिना उपयोग के जर्जर हो गई कामधेनु गौ-शालाएं

पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के शासन काल में बनाई गई थी गौशालाएं, विभागों ने नहीं दिया ध्यान

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narendra shrivastava

Sep 16, 2016

Cowshed

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नोहटा। मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के शासन काल में बनाई गई, कामधेनु गौ-शालाएं बगैर उपयोग के क्षतिग्रस्त होकर मिटने की कगार पर पहुंच गई हैं।
ग्रामीण दयाराम यादव ने बताया की लगभग 13-14 वर्ष पूर्व नोहटा पुल के पास कामधेनु गौ-शाला का निर्माण किया गया था, जिसका उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती ने किया था, लेकिन उसके बाद जिला प्रशासन व पशु विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया, कारण बगैर शुरू किए ही गौ-शाला पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर गिरने की कगार पर पहुंच गई है। न तो गौ-शाला में शेड के ऊपर से छप्पर बचा है, न ही बाऊंड्री के गेट व खिड़की दरवाजे बचे हुए हंै। कंछेदीलाल का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा पशुओं के कल्याण के लिए गौ-शाला का निर्माण तो करा दिया था, लेकिन जिम्मेदार पशु विभाग द्वारा लापरवाही के कारण शासन द्वारा लाखों रुपए खर्च कर बनाई गई गौ-शाला उद्घाटन के बाद बगैर चालू किए हुए आज तक बंद पड़ी हुई हैं।
मप्र सरकार व सरकार के नुमाईंदे गायों के प्रति कितने जिम्मेदार हैं, इसकी वास्तविकता नोहटा पुल के पास बनी कामधेनु गौ-शाला को देखकर ही की जा सकती है। उपसंचालक पशु विभाग डॉ. विनोद कुमार वाजपेयी ने कहा कि नोहटा सहित जिले में बनी कामधेनु गौ-शालाएं बंद हैं। जिसका संचालन न होने के कारण गायों को नहीं रखा गया हैं। मैं शीघ्र जिला प्रशासन से कामधेनु गौ-शालाओं के संचालन हेतु कार्रवाई करुंगा। देख-रेख नहीं करने वाले जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्रवाई करूंगा। कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा ने कहा कि मुझे कामधेनु गौ-शालाओं के संबंध में जानकारी नहीं है, लेकिन मंै स्वयं कामधेनु गौ-शालाओं का निरीक्षण कर संचालन का प्रयास करूंगा।