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दमोह में अमृत योजना के तहत सवा करोड़ में विकसित पार्क के हालात खराब

१ करोड़ २३ लाख खर्च कर विकसित हुए शहर के दो पार्क, हालात कोई नहीं जाता यहां इस तरह किया जाना था विकसित शुरू से ही दुर्दशा का शिकार रहे पार्क, अब सामग्री तक हो रही चोरी, भ्रष्टाचार के भी आरोप

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दमोह

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Samved Jain

May 13, 2025

Amrit Yojana damoh

Amrit Yojana damoh


दमोह. अमृत योजना के फेज १ के तहत दमोह नगरपालिका को शहर विकास के लिए मिली राशि का कैसा बंदरबांट किया गया, उसकी तस्वीरें पार्क दिखाते हैं। शहर के जिन दो पार्क रामजानकी पार्क और सेवन कॉलोनी पार्क विकास के नाम पर १ करोड़ २३ लाख रुपए खर्च किए गए थे, वहां ऐसा कोई विकास नजर नहीं आता। रामजानकी पार्क के हालात तो ऐसे हैं कि यहां जुआरी, नशेडिय़ों के अलावा कोई नहीं जाता है। झूले सहित अन्य निर्माण टूट चुके हैं और सामग्री दिन प्रतिदिन चोरी हो रही है। खास बात है कि लाखों खर्च का दावा करने वाली नगरपालिका यहां देखरेख तक नहीं करती हैं, ऐसे में जनता के लिए खर्च किए गए सवा करोड़, खर्च हुए भी होंगे, इस पर भी स्थानीय लोग सवाल खड़ा करने लगे हैं।
मामले में पत्रिका ने शहर के दोनों पार्कों का जायजा लिया। जटाशंकर मुक्तिधाम के सामने स्थित रामजानकी पार्क के हालात ऐसे हैं कि यहां प्रवेश में ही लोग डर जाए। पूरे पार्क में वीरानी देखने मिलती हैं। मुक्तिधाम के सामने बनाए गए इस पार्क में यहां करीब १० से १२ बेंच, कुछ विद्युत पोल, एक शेड नजर आता है। जबकि यहां पौधरोपण करने वाले संस्थानाओं ने फेंसिंग आदि करा ली हैं। पार्क में कुछ झूले लगे हुए हैं। इसके अलावा यहां के हालात देखकर कहीं से नहीं लगता है कि यहां ७० लाख रुपए खर्च किए गए हैं। इसी तरह के हालात सेवन कॉलोनी पार्क में देखने मिलता है। हालांकि, यहां स्थिति थोड़ी बेहतर है। काम भी थोड़ा बहुत नजर आता है। जिसका कारण यहां रहने वाले लोगों का पार्क के प्रति रुचि दिखाना है, लेकिन जितनी राशि यहां व्यय होना बताई गई, उतना कहीं नजर नहीं आता है। हालांकि, नगरपालिका की ओर यहां भी कोई सुविधाएं और देखरेख तक नहीं की जाती है।

पार्कों को आकर्षक झूले, फिसलपट्टी, आकर्षक लाइट्स, खेलने के लिए लॉन, पथ-वे, सुंदर पेड़े-पौधे, योगा के लिए स्टेज, बेंचेज, फब्बारे, रन-वे तैयार होना था।

इन पार्कों पर इतने खर्च

७ कॉलोनी पार्क को १.३० एकड़ में विकसित करना था, जिस पर ५३.२४ लाख रुपए खर्च करना बताया गया है।

जटाशंकर के पास रामजानकी पार्क को ४.४ एकड़ जमीन में बने पार्क पर करीब ७० लाख खर्च किए गए थे।

गजानन टेकरी पर १.३० एकड़ में करीब ६७ लाख खर्च होकर पार्क विकसित होना था, जो अब तक नहीं हो सका।

वर्शन
पार्कों की स्थिति को मैं देखता हूं। साथ ही पता करता हूं कि कहां कमी रह गई। संबंधितों से भी जानकारी लेता हूं। गड़बड़ी देखने मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। साथ ही मेंटेनेंस के कार्य भी कराए जाएंगे।
रामचरण अहिरवार, प्रभारी सीएमओ नगरपालिका दमोह