सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के प्रकट होने के पीछे है चंद्रदेव और रोहिणी का प्रेम
सुरई में विराट अति रुद्र महायज्ञ व शिवमहापुराण का आयोजन


सुरई में विराट अति रुद्र महायज्ञ व शिवमहापुराण का आयोजन
बनवार. ग्राम सुरई में विराट अति रुद्र महायज्ञ व शिवमहापुराण का आयोजन चल रहा है। कथा व्यास पं. आशीष गुरू कृष्ण चरणानुरागी ने सप्तम दिवस की कथा सुनाते हुए 12 ज्योर्तिलिंग की कथा सुनाई। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र में अरब सागर के तट पर स्थित है। शिव पुराण के अनुसार चंद्रदेव ने अपनी पत्नी रोहिणी से अधिक प्रेम किया जिससे अन्य पत्नियों को दुख हुआ। चंद्रदेव ने रोहिणी से इतना प्रेम किया कि वे रोहिणी के बिना नहीं रह सकते थे। तब भगवान शिव ने सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट होकर चंद्रदेव को रोहिणी के साथ रहने का वरदान दिया।
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग यह आंध्र प्रदेश के श्रीशैल पर्वत पर स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के दर्शन के लिए प्रसिद्ध है और भक्तों को मोक्ष प्रदान करता है।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग यह मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करता है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। यह भगवान शिव के भक्तों को पापों से मुक्ति प्रदान करता है और उन्हें सुख और समृद्धि प्रदान करता है। केदारनाथ ज्योतिर्लिंग यह उत्तराखंड के गढ़वाल में स्थित है। यह भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और उनके दुखों को दूर करता है।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग यह महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित है। यह भगवान शिव के भक्तों को पापों से मुक्ति प्रदान करता है और उन्हें सुख और समृद्धि प्रदान करता है।
विश्वनाथ ज्योतिर्लिंगयह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। यह भगवान शिव के भक्तों को मोक्ष प्रदान करता है और उन्हें पापों से मुक्ति प्रदान करता है। त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग यह महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। यह भगवान शिव के भक्तों को पापों से मुक्ति प्रदान करता है। वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में स्थित है। यह भगवान शिव के भक्तों को रोगों से मुक्ति प्रदान करता है। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग यह गुजरात के द्वारका में स्थित है। यह सुख और समृद्धि प्रदान करता है। रामेश्वरम, घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में भी जानकारी दी।
यज्ञाचार्य जनार्दन शास्त्री व सभी ब्राह्मणों के द्वारा यज्ञ हवन पूजन किया जा रहा है। सभी नगर वासियों ने मिलकर तन मन धन से सहयोग किया। रविवार को कथा विश्राम हुआ।
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