हादसे, हत्या या आत्महत्या, यह अब तक स्पष्ट नहीं पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अनसुलझे अधिकतर मामलों में मौत की वजह तक तय नहीं हो पाई है। रेल ट्रैक, सुनसान रास्तों और जंगलों में मिले शवों को लेकर कभी हादसे की, तो कभी आत्महत्या की आशंका जताई गई, लेकिन जांच में पुख्ता निष्कर्ष सामने नहीं आए। चिंताजनक बात यह है कि कुछ अज्ञात शवों के मामले चार से पांच साल पुराने हैं, फिर भी कोई ठोस सुराग नहीं मिला। न तो मृतकों की पहचान हो सकी और न ही परिजनों तक पुलिस पहुंच पाई।
कुछ प्रमुख अनसुलझे केस 1. पथरिया थाना 2022: असलाना गांव में मिला अज्ञात शव 2. हिंडोरिया थाना 2021: तोतपानी बीट जंगल में शव बरामद 3. बांदकपुर 2022: रेलवे ट्रैक के पास शव मिला
4. हिंडोरिया क्षेत्र 2022 व 2024: दो बार अज्ञात शव मिले 5. घटेरा 2021: रेल ट्रैक पर क्षत-विक्षत शव बरामद 6. कुम्हारी थाना क्षेत्र 2024: गड़ाघाट व सनसूया ब्रिज के पास शव बरामद
पत्रिका व्यू जिन अज्ञात शवों की पहचान नहीं हो सकी, वे आज भी पुलिस के रिकॉर्ड में केवल एक केस नंबर बनकर रह गए हैं। पुलिस इन रहस्यमयी मौतों की गुत्थियों को सुलझाने में अब तक नाकाम हैं और केस की फाइलें धूल ही खा रहीं हैं। जबकि पुलिस को अज्ञात शवों के मामलों को गंभीरता से लेकर विशेष टीम गठित करनी चाहिए, ताकि लंबित मामलों की गुत्थी सुलझ सके। वर्जन कुछ मामलों में पहचान हो चुकी है और बाकी मामलों में पुलिस प्रयासरत है। जल्द ही इन मामलों में कार्रवाई पूरी होगी। संदीप मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक