scriptआईटीबीपी में सात साल तक फर्जी नौकरी करता रहा यूपी का युवक, ऐसे हुआ खुलासा | UP youth kept doing fake job in ITBP for seven years, this is how it was revealed | Patrika News
दमोह

आईटीबीपी में सात साल तक फर्जी नौकरी करता रहा यूपी का युवक, ऐसे हुआ खुलासा

पथरिया थाना क्षेत्र के ग्राम किंद्रहो निवासी पर्वत आदिवासी के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर उत्तर प्रदेश के एक युवक ने करीब 7 सालों तक आईटीबीपी में नौकरी की। मामला तब उजागर हुआ जब आरोपी जवान लंबे समय से ड्यूटी पर नहीं लौटा और बार-बार भेजे गए चेतावनी पत्रों का कोई जवाब नहीं मिला।

दमोहNov 02, 2024 / 08:05 am

Avantika Pandey

fake job exposed
Fake Job Exposed : भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) से जुड़ा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। फर्जी दस्तावेज के सहारे आईटीबीपी में नौकरी करने का खुलासा हुआ है। दरअसल, पथरिया थाना क्षेत्र के ग्राम किंद्रहो निवासी पर्वत आदिवासी के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर उत्तर प्रदेश के एक युवक ने करीब 7 सालों तक आईटीबीपी में नौकरी(Fake Job Exposed ) की। मामला तब उजागर हुआ जब आरोपी जवान लंबे समय से ड्यूटी पर नहीं लौटा और बार-बार भेजे गए चेतावनी पत्रों का कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद आईटीबीपी की पड़ताल में चौंकाने वाला सच सामने आया है।
जांच में पता चला कि असली पर्वत आदिवासी पथरिया में दिहाड़ी मजदूरी करता है और सिर्फ पांचवीं तक पढ़ा है। उसने कभी आईटीबीपी में नौकरी नहीं की। फर्जी मार्कशीट और आधार कार्ड के जरिए एक युवक के नाम से फर्जी नौकरी हथिया ली थी।
17 अक्टूबर 2024 को आईटीबीपी के क्षेत्रीय मुख्यालय डिब्रूगढ़ से जारी पत्र में जानकारी दी गई कि पर्वत का तबादला 27 जून 2024 को डिब्रूगढ़ किया गया था, लेकिन वह लौटकर ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हुआ। बार-बार चेतावनी के बावजूद जब कोई जवाब नहीं आया, तो आईटीबीपी का एक जवान पथरिया पहुंचा। तब असली पर्वत के बारे में पता चला।अगस्त 2024 में दमोह पुलिस अधीक्षक से आरोपी को गिरफ्तार कर सुपुर्द करने का अनुरोध किया गया था, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की थी।

इस तरह खुली मामले की परतें

आरोपी का कुछ पता न चलने पर न्यायिक जांच समिति बनाई गई और उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया। अब तक की जांच में सामने आया कि यूपी का एक व्यक्ति, जिसकी पत्नी का नाम सोनी विश्वकर्मा है, पर्वत आदिवासी के नाम पर आईटीबीपी में नौकरी कर रहा था। उसने लोन दिलाने के बहाने पर्वत से उसकी मार्कशीट और आधार कार्ड लिए थे। इन्हीं दस्तावेजों के सहारे आरोपी लगभग 7 वर्षों तक आईटीबीपी में नौकरी करता रहा।
पीड़ित बोला आरोपी ने लोन दिलाने दस्तावेज लिए थे

पीड़ित पर्वत आदिवासी का कहना है कि वह पांचवीं तक पढ़ा है और मजदूरी करता है। उसके परिवार में किसी की भी सरकारी नौकरी नहीं है। पर्वत ने बताया कि वह तीन भाई-बहनों में तीसरे नंबर का है और बड़ी बहन मथुरा में रहती है, जहां उसका आना-जाना होता था। मथुरा में उसकी पहचान गोविंद जाट से हुई। जिसने लोन दिलाने के नाम पर उससे मार्कशीट और आधार कार्ड लिए थे। दो माह बाद गोविंद ने एसबीआई बैंक का एक चेक दिया था और लोन पास होने की बात कही, लेकिन वह चेक फर्जी निकला।
पर्वत ने बताया कि पिछले 7 सालों से न तो गोविंद से कोई बात हुई है और न ही मुलाकात।फिलहाल उक्त प्रकरण में पथरिया थाना प्रभारी सुधीर बेगी ने कहा है कि मामले से जुड़े लोगों के बयान लिए गए हैं अभी मामला जांच में है।

Hindi News / Damoh / आईटीबीपी में सात साल तक फर्जी नौकरी करता रहा यूपी का युवक, ऐसे हुआ खुलासा

ट्रेंडिंग वीडियो