
स्थानीय बेरोजगारों को 100 प्रतिशत प्राथमिकता दी जाए।

पूर्व भर्ती नियमों को यथावत रखा जाए, जो स्थानीय हितों के अनुरूप थे।

फील्ड अटेंडेंट जैसे न्यूनतम योग्यता वाले पदों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि कम शिक्षित युवाओं को भी रोजगार का अवसर मिल सके।

लिखित परीक्षा का केंद्र दंतेवाड़ा में रखा जाए, ताकि युवाओं को अतिरिक्त आर्थिक बोझ न उठाना पड़े।

आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग व्यवस्था शुरू की जाए, जिससे वे प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।