
छत्तीसगढ़ के इस गांव में आज भी बिजली की समस्या, लोग बोले- न रोजगार है और न ही मिल पा रही कोई सुविधा
CG Dantewada News : ब्लॉक मुख्यालय कटेकल्याण में शासन की घोषणाएं व योजनाएं जिले के इस आखिरी छोर तक विकास के रूप में नहीं पहुंच पाती हैं। दंतेवाड़ा से 40 किमी दूर स्थित इस ब्लॉक मुख्यालय में बिजली और मोबाइल नेटवर्क की आंख मिचौली से लोग परेशान रहते हैं। स्थानीय लोगों ने पत्रिका टीम से चर्चा में बताया कि बीएसएनएल का नेटवर्क अक्सर डाउन रहता है। जिओ का नेटवर्क सिर्फ ब्लॉक कॉलोनी में है। भौगोलिक विषम स्थिति के चलते दोनों नेटवर्क के सिग्नल एक से दूसरे मोहल्ले में नहीं पहुंचते हैं। दोनों जगह जिओ और बीएसएनएल नेटवर्क के सिग्नल का प्रसारण होगा, तभी राहत मिलेगी। स्थानीय लोगों ने बताया कि जरा सा बारिश व तेज हवा चलते ही बिजली बंद कर देते हैं। बिजली की इस आंख मिचौली से लोग खासे परेशान रहते हैं।
बिजली गुल होते ही मोबाइल टावर का सिग्नल मिलना भी बंद हो जाता है। दूर दराज स्थित ज्यादातर गांवों से पैदल चलकर आने वाले ग्रामीणों को लिंक फेल होने पर बैंकों के साथ ही यहां संचालित दोनों ग्राहक सेवा केंद्रों में भी इंटरनेट कनेक्टिविटी नियमित नहीं होने के चलते दिन भर इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो बगैर काम हुए बैरंग ही वापस लौटना पड़ता है। यही स्थिति जनपद पंचायत व यहां स्थित आधार कार्ड बनवाने वाले सेंटर की है, जहां पर ग्रामीण बड़ी आस लिए पहुंचते हैं और घंटों इंतजार करते हैं। एक साल पहले यहां भेंट मुलाकात करने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप दंतेवाड़ा-कटेकल्याण के बीच स्थित मेटापाल में विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य चल रहा है। इससे कटेकल्याण की बिजली की समस्या काफी हद तक दूर हो सकेगी, लेकिन सब स्टेशन निर्माण कार्य की रफ्तार काफी धीमी है। इससे विद्यार्थी व आम नागरिकों को इस गर्मी के मौसम में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
कटेकल्याण अभी भी अविकसित
कटेकल्याण का ब्लॉक मुख्यालय पूर्व में बड़े गुडरा में संचालित था, जिसे वर्ष 1995 में कटेकल्याण शिफ्ट किया गया। इसके बावजूद यहां कटेकल्याण गांव का ही अपेक्षित विकास नहीं हो सका है। न तो बैंकिंग सुविधाएं हैं, न एटीएम जैसी सुविधा। डिजीटल व कैशलेस लेन-देन के जमाने में भी यहां न तो लोग कैशलेस लेन-देन कर पा रहे हैं, न ही बैंक से नगदी निकाल पा रहे हैं। यहां अभी सिर्फ छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक की एक शाखा ही संचालित है। सहकारी बैंक की शाखा कुछ साल पहले ही बंद हो चुकी है। खाताधारक अब 40 किमी दूर दंतेवाड़ा जाकर लेनदेन करते हैं। कटेकल्याण में ब्लॉक कॉलोनी से लेकर बेंगलूर तक 3 किमी लंबा गौरव पथ प्रस्तावित है, जो ग्रामीणों की सहमति के बावजूद अब तक नहीं बना। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद एकलव्य कन्या शिक्षा परिसर परचेली से हटाकर 55 किमी दूर जावंगा में इसके नाम से चलाया जा रहा है।
तालाब नहीं बन पाया
बीते एक दशक की तुलना में पहले की अपेक्षा कुछ विकास तो हुआ है, लेकिन कोरोना काल के बाद से काम शुरू होकर रूक जाते हैं। यह बात समझ में नहीं आती है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद तालाब की मरम्मत का काम नहीं हुआ। चेक डेम, सिंचाई तालाब निर्माण की जरूरत है, लेकिन काम नहीं हो रहे हैं।
जयमन बाकडे, राज मिस्त्री, कटेकल्याण
रोजगार के अवसर नहीं
कटेकल्याण ब्लॉक में रोजगार के अवसर सीमित हैं। राजमिस्त्री, मजदूरों को रोजगार नहीं मिल पाता है। बिल्डिंग, सड़क निर्माण में बाहरी मजदूर लाए जा रहे हैं। इसी वजह से हर साल यहां से लोग अन्य प्रदेशों में पलायन करते हैं। पलायन करने के बाद वहां हादसों का बंधक बनाए जाने की घटनाओं का शिकार होते हैं।
पुष्पांजलि नाग, गृहिणी एवं व्यवसायी
राहत नहीं मिलती
कटेकल्याण में ग्रामीण बैंक ही एक मात्र बैंक है। इसके दायरे में 13-14 पंचायत हैं। लेकिन बैंक में अक्सर लिंक फेल रहता है। इसके विकल्प के तौर पर 2 ग्राहक सेवा केंद्र तो संचालित हैं, लेकिन लिंक फेल होने पर यहां भी राहत नहीं मिलती है। इन केंद्रों में भी लंबा इंतजार करना पड़ता है।
धीरू कुमार नाग, युवा व्यवसायी
Published on:
15 May 2023 05:23 pm
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