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दंतेवाड़ा

छत्तीसगढ़ के दंतेश्वरी मंदिर में प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने जलाया है अखंड ज्योति, ये है वजह

Danteshwari Mata Temple: इस नवरात्रि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा स्थित प्रसिद्द दंतेश्वरी मंदिर में अखंड दीप जलवाये हैं

दंतेवाड़ाSep 29, 2019 / 06:32 pm

Karunakant Chaubey

छत्तीसगढ़ के दंतेश्वरी मंदिर में प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने जलाया है अखंड ज्योति, ये है वजह

छत्तीसगढ़ के दंतेश्वरी मंदिर में प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने जलाया है अखंड ज्योति, ये है वजह

दंतेवाड़ा. Danteshwari Mata Temple: इस नवरात्रि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ के बस्तर स्थित प्रसिद्द दंतेश्वरी मंदिर में अखंड दीप जलवाये हैं। नवरात्रि में बहुत से लोग अखंड ज्योति जलाते हैं। विभिन्न मंदिरों में भी अखंड ज्योति कलश की स्थापना की जाती है।

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छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में स्थित माता दंतेश्वरी देवी का मंदिर विश्व प्रसिद्द है।यहाँ नवरात्रि में आम जनता के साथ ही राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता भी देवी दंतेश्वरी के दरबार में ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करवाते हैं।

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प्रधानमंत्री जलाते हैं ऑनलाइन मनोकामना दीप

नवरात्र का पर्व शुरू होने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और संगठन मंत्री सौदान सिंह समेत भाजपा के दिग्गज नेता ऑनलाइन मनोकामना दीप मां दंतेश्वरी मंदिर में जलवाते हैं।

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माना जाता है कि भाजपा के तमाम बड़े नेताओं की बस्तर की आराध्य देवी दंतेश्वरी से काफी आस्था जुड़ी हुई है। यही वजह है कि अपनी मन्नतों और मुरादों को पूरा करने के लिए आस्था की ज्योति कलश 9 दिनों के लिए स्थापित की जाती है।

यहाँ गिरा था माता सती का दांत

देवी पुराण में शक्ति पीठों की संख्या 51 बताई गई है । जबकि तन्त्रचूडामणि में 52 शक्तिपीठ बताए गए हैं। जबकि कई अन्य ग्रंथों में यह संख्या 108 तक बताई गई है। दन्तेवाड़ा को हालांकि देवी पुराण के 51 शक्ति पीठों में शामिल नहीं किया गया है लेकिन इसे देवी का 52 वा शक्ति पीठ माना जाता है।

मान्यता है की यहाँ पर सती का दांत गिरा था इसलिए इस जगह का नाम दंतेवाड़ा और माता क़ा नाम दंतेश्वरी देवी पड़ा। 51 शक्ति पीठों की जानकारी और शक्ति पीठों के निर्माण कि कहानी आप हमारे पिछले लेख 51 शक्ति पीठ में पढ़ सकते है।

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दंतेश्‍वरी मंदिर शंखिनी और डंकिनी नदीयों के संगम पर स्तिथ हैं। दंतेश्‍वरी देवी को बस्तर क्षेत्र की कुलदेवी का दर्ज़ा प्राप्त है। इस मंदिर की एक खासियत यह है की माता के दर्शन करने के लिए आपको लुंगी या धोति पहनकर ही मंदीर में जाना होगा। मंदिर में सिले हुए वस्त्र पहन कर जानें की मनाही है।

 

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