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वादा था रोजगार का लेकिन बांट रहे हैं बेरोजगारी, 106 अतिथि शिक्षक सड़क पर

locationदंतेवाड़ाPublished: Mar 24, 2020 12:10:38 pm

Submitted by:

CG Desk

नक्सल प्रभावित इलाके के हाई व हायर सेकंडरी के शिक्षक हुए कार्यमुक्त

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वादा था रोजगार का लेकिन बांट रहे हैं बेरोजगारी, 106 अतिथि शिक्षक सड़क पर

दंतेवाड़ा। आखिरकार जिला प्रशासन ने जिले में कार्यरत 241 अतिथि शिक्षकों में से 106 अतिथि शिक्षक जो की पुरे हाइ और हायरसेकंडरी के थे उन्हें हटा कर नई भर्ती करने का निर्णय लेते हुए इन अतिथि शिक्षको के भविष्य के साथ फिर से बेरोजगारी का दामन थमा दिया। शिक्षा सत्र 2018.19 के समाप्ति और शासन के बदलने के कारण जिन अतिथि शिक्षकों को बेरोजगारी का डर सता रहा था आज जिला प्रशासन ने आश्वासन पर आश्वासन देने के बाद भी हाई और हायर सेकंडरी के 106 अतिथि शिक्षकों को हटा कर नई सिरे से भर्ती करने का निर्णय बताते हुए उन्हें बेरोजगारी का रास्ता दिखा दिया ।
ज्ञात हो की जिले में कार्यरत शिक्षा समर्थन योजना के तहत जिन 241 प्रायमरी, मिडिल हाई व् हायर सेकंडरी में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने व जिले में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिये स्थानीय बेरोजगार शिक्षित युवाओं को लिया गया था आज उनमे से 135 प्रायमरी और मिडिल के अतिथि शिक्षकों को तो पुन: लिया जा रहा मगर हाई व् हायर सेकंडरी के शिक्षकों को हटा दिया गया ।
पिछले 5 वर्षों से ये अतिथि शिक्षक जिले के अंदरूनी छेत्र के हाई व् हायर सेकंडरी के स्कूलों में अध्यापन का करते हुए अंदरूनी क्षेत्र के बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ाने के साथ पिछले 5 वर्षों से जिले का बोर्ड कक्षा में सत प्रतिशत परिणाम देने के बावजूद इन्हे हटाया जा रहा है। सत्र 2015 .16 में जिला दंतेवाड़ा पुरे छत्तीसगढ़ में कक्षा 10वीं में प्रथम स्थान व् कक्षा 12वीं में छटा स्थान दिलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले अतिथि शिक्षकों को हटा दिया जा रहा है।
ज्ञात हो की पुरे राज्य में 7वां रैंक लाने वाली दंतेवाड़ा जिले की पहली छात्रा कुण्मुश्कान जैन ने भी अपने इस सफलता के लिये इन अतिथि शिक्षकों का योगदान बताया था और पूरे राज्य में जब शिक्षा कर्मियों का आन्दोलन चल रहा था तो दंतेवाड़ा ही ऐसा जिला था जंहा पर हाईस्कूलों का संचालन इन अतिथि शिक्षकों के कंधे पर था और बिना किसी कष्ट के ये अतिथि शिक्षक अपने कार्य को बखूबी निभाया इसके फल स्वरुप शासन के बदलने से इनको कार्य से हटा कर इनके मेहनत का फल बेरोजगारी के रूप में दिया जा रहा है।
जबकि ये अतिथि शिक्षक 5 वर्षो में कार्य का अनुभव अपने रिजल्ट देकर साबित करने के बाद भी इनको हटाया जा रहा है । आखिर जिला प्रशासन व् राज्य शासन इस प्रकर का निर्णय लेकर साबित क्या करना चाहती है जब नए रूप से भर्ती कर ही रही तो इन्ही शिक्षकों को फिर से पुन: नियुक्ति क्यों नही कर रही जबकि पिछले 2 वर्षो से इन्हे पुन: नियुक्ति करते आई है । आज शिक्षा सत्र चालू हुए 2 माह बीत चुका।
ये अतिथि शिक्षकों को आज तक स्कूलों में अध्यापन कार्य पर नही बुलाया गया तो इन अतिथि शिक्षकों को जिन विषयों के लिये लिया गया था उन विषयों का अध्यापन कार्य किनके माध्यम से किया जा रहा। ये सभी अतिथि शिक्षक हाई व् हायर सेकंडरी स्कूलों में अध्यापन कार्य करते है जो की कक्षा 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को शिक्षा देते है जिसमे 10वीं व् 12वीं की कक्षा बोर्ड की कक्षा है जिनके परिणाम से बच्चों का भविष्य बनाता है। तो क्या प्रशासन का ये निर्णय से इन अतिथि शिक्षकों के साथ साथ उन बच्चों का भविष्य के साथ खिलवाड़ नही हो रहा । शासन के बदलने से इन शिक्षकों को उम्मीद थी कि शायद सभी विभागों के कर्मचारियों के साथ उनके भविष्य के लिये शासन ठोस निर्णय ले रही तो इनके लिये भी कोई रास्ता निकालेगी ।
जिसको देखते हुए ये अतिथि शिक्षक राज्य के मुख्य मंत्री भूपेश बघेल से लेकर टीएस सिंहदेव, कवासी लखमा, विक्रम मंडावी तथा डीएमएफ मद के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल से कई बार मिलने के बावजूद इनको हमेशा उनके द्वारा सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद भी आज इनको हटाया गया। जबकि सभी मंत्री तथा राज्य के कांग्रस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी इन्हे वापस लेने की बात की थी तथा दंतेवाड़ा के प्रभारी मंत्री से बात कर सभी को कार्य पर लेने को कहा जिस पर प्रभारी मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने भी हामी भरी तथा जिले के कलक्टर को आदेश भी किया ।
फिर भी जिला प्रशासन प्रायमरी और मिडिल के 135 अतिथि शिक्षकों को पुन: लेते हुए हाई और हायर सेकंडरी के 106 अतिथि शिक्षको को हटा दिया। जब प्रायमरी के शिक्षकों को पुन: नियुक्ति मिल सकती है तो इनको हटा कर नए भर्ती करने का जिला प्रशासन का निर्णय सभी के समझ से बहार है । जबकि स्थानीय सभा व स्थानीय प्रशासन ने 27 जून के बैठक में ही सभी अतिथि शिक्षकों को रखने का निर्णय दे चुकी है।
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