
एकता की मिसाल : मानवता का परिचय देते हुए खान बंधुओं ने भी खींचा रथ
किरंदुल. शनिवार राघव मंदिर से गाजे बाजे के साथ जब जय जगन्नाथ के नारे के साथ भगवान जगन्नाथ बलभद्र एवं देवी सुभद्रा की रथ निकली तो हर तरफ से भगवान जगन्नाथ के जयकारों से गूंज उठा।
जगन्नाथ पूरीे एवं उड़ीसा से आए पंडा ने पूजा अर्चना करने के बाद
लगातार 12 वर्ष से चल रहे जिले में एकमात्र रथ यात्रा की भव्यता देने में पिछले 15 दिनों से जगन्नाथ सेवा समिति जुटे रहे। श्री राघव मंदिर के सामने रथ का विधि विधान के साथ जगन्नाथ पूरीे एवं उड़ीसा से आए पंडा ने पूजा अर्चना करने के बाद शाम 4 बजे रथ संचालन राम मंदिर से शुरू किया गया।
सोने की झाड़ू से झाड़ू मारने की परंपरा
सोने की झाड़ू से झाड़ू मारने की परंपरा छेड़ा जगन्नाथ समिति के अध्यक्ष जीवीतेश रथ ने पूरी की। यात्रा में हजारों श्रद्धालु जुटे रहे। किरंदुल दंतेवाड़ा, गीदम, नकुलनार, भांसी, बचेली, पालनार से पहुँचे। भगवान का जगह-जगह फू लों से स्वागत हुआ। रथयात्रा जिधर से गुजरी उधर ही भक्त जुड़ते गए।
सांप्रदायिक एक ता की दी मिशाल
आस्था के इस जनसैलाब मे मज़हब के नाम पर एकता की मिसाल पेश किया शेख नजमुल शेख रईस, शेख मुर्शीद, अजहर शेख आजाद ने रथ खींंचकर आपसी सौहाद्र्र की मिसाल पेश की। नगर की मतुया सम्प्रदाय, नर नारायण सेवा संघ, जगन्नाथ सेवा समिति के भक्त ढोल- नगाड़ों के साथ ठाकुर भले बिराजो जी, उड़ीसा जगन्नाथ पुरी और छोटी,छोटी गइया, छोट छोटे हाथ जैसे भजनों पर भक्त जमकर झूमे।
समाज भवन में स्थित मौसी के घर गुंडिचा मंदिर में पंहुचा
श्री राघव मंदिर से प्रारभ होकर रथ अम्बेडकर पार्क, शापिंग सेंटर, बैंक चौक , पेट्रोल पम्प होते हुए शाम सात बजे फ ुटबॉल ग्राउंड उत्कल समाज भवन में स्थित मौसी के घर गुंडिचा मंदिर में पंहुचा। समापन पर खिचड़ी प्रसाद बांटी गई। अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की थी।
Published on:
16 Jul 2018 01:03 pm
बड़ी खबरें
View Allदंतेवाड़ा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
