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राजसत्ता की देवी की शरण में अमित शाह, दर्शन कर मांगा आशीर्वाद

बुंदेलखंड क्षेत्र में जनसभा के लिए पहुंचे थे अमित शाह

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भोपाल. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राज सत्ता की देवी मां पीतांबरा के दर्शन करने दतिया पहुंचे। यूपी चुनाव को लेकर बुंदेलखंड में जनसभा को संबोधित करने आए अमित शाह विशेष दौरे पर दतिया पहुंचे। इस दौरान मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद रहे।

केंद्रीय गृहमंत्री की व्यापक सुरक्षा के लिए दतिया में पुलिस बल तैनात किया गया। इससे पहले अमित शाह खजुराहो विमानतल पर पहुंचे जहां प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष, सांसद वीडी शर्मा लेने पहुंचे।

राजसत्ता की देवी है पीतांबरा माई
मध्यप्रदेश के दतिया जिले में स्थित मां पीतांबरा को राजसत्ता की देवी माना जाता है। इसी रूप में भक्त उनकी आराधना करते हैं। राजसत्ता की कामना रखने वाले भक्त यहां आकर गुप्त पूजा अर्चना करते हैं। ऐसे में यहां देश में चुनाव से पहले कई बड़े राजनेताओं तक का आना लगातार शुरु हो जाता है।

वहीं यह भी कहा जाता है कि मां पीतांबरा देवी अपना दिन में तीन बार अपना रुप बदलती हैं मां के दर्शन से सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर को चमत्कारी धाम भी माना जाता है। मां पीतांबरा के मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां पर कोई पुकार कभी अनसुनी नहीं जाती। राजा हो या रंक, मां के नेत्र सभी पर एक समान कृपा बरसाते हैं।

मां बगलामुखी का मन्दिर
दस महाविद्याओं में से एक मां बगलामुखी का मन्दिर है, यह पीताम्बरा पीठ। यह देश के सबसे बड़े शक्तिपीठों में से एक है। 'बगला शब्द संस्कृत के 'वल्गा' शब्द का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ है, दुल्हन। देवी मां के अलौकिक सौन्दर्य के कारण उन्हें यह नाम मिला।

शत्रु नाश की अधिष्ठात्री देवी...
मां पीतांबरा शत्रु नाश की अधिष्ठात्री देवी है और राजसत्ता प्राप्ति में मां की पूजा का विशेष महत्व होता है।क्या आपको मालूम है चीन से युद्ध के दौरान दतिया स्थित पीतांबरा माता ने ही हमारी मदद की थी। जिसके बाद चीन की सेना ने युद्ध रोक दिया था। दरअसल भारत चीन युद्ध के समय यहां फौजी अधिकारियों व तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के अनुरोध पर देश की रक्षा के लिए मां बगलामुखी की प्रेरणा से 51 कुंडीय महायज्ञ कराया गया था। जिसके परिणामस्वरूप 11वें दिन अंतिम आहुति के साथ ही चीन ने अपनी सेनाएं वापस बुला ली थीं। उस समय यज्ञ के लिए बनाई गई यज्ञशाला आज भी यहां स्थित है। यहां लगी पट्टिका पर इस घटना का उल्लेख भी है।

कहा जाता है कि जब-जब देश के ऊपर विपत्तियां आती हैं तब-तब कोई न कोई न कोई गोपनीय रूप से मां बगलामुखी की साधना व यज्ञ-हवन अवश्य ही कराते हैं। मां पीतांबरा शक्ति की कृपा से देश पर आने वाली बहुत सी विपत्तियां टल जाती हैं। इसी प्रकार सन् 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में मां बगलामुखी ने देश की रक्षा की।

सन् 2000 में भी कारगिल में भारत-पाकिस्तान के बीच पुन: युद्ध हुआ, किंतु हमारे देश के कुछ विशिष्ट साधकों ने मां बगलामुखी की गुप्त रूप से पुन: साधनाएं व यज्ञ किए, जिससे दुश्मनों को मुंह की खानी पड़ी। ऐसा कहा जाता है कि यह यज्ञ तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कहने पर यहां कराया गया था।