ABCD भी पूरी नहीं लिख पाए हेड मास्टर
कलेक्टर संजय कुमार शुक्रवार की सुबह जिले के दूरस्थ गांव करीब 40 किलोमीटर दूर सहीड़ाखुर्द पहुंच गए। दूरी तो 40 किलोमीटर है पर रास्ता खराब होने पर डेढ़ घंटा लग गया। जाते ही उनकी नजर एकीकृत शाला (मिडिल स्कूल) पर पड़ी।गांव वाले से पूछ लिया क्या हाल हैं स्कूल के ?बताया गया कि यहां मिडिल स्कूल में 3 शिक्षक पदस्थ हैं। लेकिन 1 दिन में एक ही शिक्षक आता है। यानी हफ्ते में दो-दो दिन ही शिक्षक बच्चों को पढ़ाने आते हैं। ग्रामीणों की बात सुन जब कलेक्टर के कहने पर स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक संतराम अहिरवार को बुलाया गया तो उन्होंने बताया कि मुझे बुखार है। इसलिए अवकाश पर हूं। नब्ज टटोली तो बुखार नहीं था। उनसे पूछा गया कितना पढ़े हैं। उन्होंने कहा सोशलॉजी पढ़ी है। सोशलॉजी की स्पेलिंग पूछ ली तो नहीं बता सके।अंग्रेजी वर्णमाला लिखवाई तो नहीं लिख सके। छठवीं कक्षा के विद्यार्थी से पूछा कि आप किस जिले में रह रहे हैं वह नहीं बता सका।यानी साल में लाखों रुपए की वेतन लेने वाले शिक्षक न तो खुद ठीक से पढ़े लिखे न ही बच्चों को पढ़ा रहे थे। इस गंभीर लापरवाही पर प्रधानाध्यापक संत राम अहिरवार को निलंबित करने के निर्देश दिए।खास बात यह है कि अभी चुनाव के कारण अवकाश पर रोक लगी है फिर भी संतराम सीएल देकर अवकाश पर थे।उन्हें पहले तो कारण बताओ नोटिस जारी किया गया ।
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स्कूल में बैठकर शराब पीते हैं मास्टर साहब
गांव के बच्चों ने कलेक्टर को यह भी बताया कि प्रधानाध्यापक स्कूल में बैठकर शराब पीते हैं । स्कूल में कम ही आते हैं पढ़ाई भी नहीं कराते। वहीं गांव के पटवारी की भी ग्रामीणों ने शिकायत की और बताया कि पटवारी बिना पैसे लिए कोई काम नहीं करता तो कलेक्टर ने पटवारी को भी निलंबित करने के आदेश दिए।