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अगर मन में जुनून हो तो सफलता जरूर मिलती है

यूपीएससी में चयनित होने वाले विक्रम ने पत्रिका से बातचीत में कहा  

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अगर मन में जुनून हो तो सफलता जरूर मिलती है

अगर मन में जुनून हो तो सफलता जरूर मिलती है

अगर मन में जुनून हो तो सफलता जरूर मिलती है

दतिया। अगर आपमें कुछ करने का जुनून है तो उस पर पूरी तरह फोकस करो। जुनून के साथ अपने लक्ष्य पर फोकस करने से सफलता जरूर मिलती है। यह कहना है कि यूपीएससी में चयनित होने वाले ईदगाह मोहल्ला दतिया निवासी विक्रम अहिरवार का। विक्रम के अनुसार उन्हें दूसरे प्रयास में यह सफलता मिली है।

विक्रम ने बताया कि वह दो साल से दिल्ली में रह कर कोचिंग कर रहे थे। कोरोना के दौरान उन्होने घर पर रह कर तैयारी की लेकिन मन में ठान लिया था कि सिविल सेवा में ही जाना है। विक्रम की प्रारंभिक शिक्षा दतिया में ही हुई है। विक्रम की इस सफलता पर पड़ोस के साथ परिवार में भी खुशी का माहौल है। विक्रम के पिता हरदास अहिरवार 29 वीं बटालियन दतिया में एएसआई के पद पर पदस्थ हैं। विक्रम ने दूसरे प्रयास में 190वीं रैंक प्राप्त की है। विक्रम ने बताया कि उन्होने 08 से 12 घंटे तक पढ़ाई की तब उन्हें यह सफलता मिली। उनका मानना है कि परिवार के सपोर्ट के बिना सफलता मिलना संभव नहीं है।

आईएएस बनने नौकरी छोड़ी

मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट भोपाल से बीटेक विक्रम का कहना है कि वह बीटेक करने के बाद प्रायवेट जॉब करने लगे थे। जॉब करने के दौरान मन में सिविल सर्विस में जाने का विचार आया तो नौकरी छोड़ दी और तैयारी शुरू कर दी। इसमें परिवार ने भी सहयोग किया। पहले प्रयास में सफलता न मिलने के बाद दूसरी बार प्रयास किया और सफलता मिल गई।

बटालियन कार्यालय में हुआ सम्मान

विक्रम के यूपीएससी में सिलेक्ट होने पर बुधवार को 29 वीं बटालियन कार्यालय में सम्मान किया गया। इस अवसर पर कमांडेंट मनोहर सिंह मंडलोई ने विक्रम का पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मान किया। इस अवसर पर उप सेनानी देवेंद्र सिंह सिरोलिया, सहायक सेनानी सुबोध लोखंडे सहित अधिकारी - कर्मचारी व विक्रम के परिजन मौजूद रहे।

मैं कर लूंगा यही आत्मविश्वास बना सफलता की सीढ़ी
यूपीएससी में 21 वीं रैंक हासिल करने वाले शिवम यादव ने पत्रिका से बातचीत में कहा

दतिया। मैं यह कर सकता हूं। मुझसे पहले भी कई लोगों ने ऐसा किया है। शायद ऐसा करने वाला मैं आखिरी भी नहीं होऊंगा। आगे और लोग भी ऐसा करेंगे। आत्मविश्वास भरे यह शब्द यूपीएससी में चयनित होने वाले शिवम यादव के हैं। शिवम ने यूपीएससी की परीक्षा में 21 वीं रैंक हासिल की है।शिवम ने यह सफलता पहली बार में ही हासिल की है। यूपीएससी में वह बिना कोचिंग के सिलेक्ट हुए हैं। यूपीएससी में चयनित होने वाले शिवम यादव मूलत: दतिया जिले के सेंवढ़ा तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम पहाड़ी के रहने वाले हैं। हालांकि वह कई सालों से ग्वालियर में रह रहे हैं। शिवम के पिता बीएसएफ में हैड कांस्टेबल के पद पर पदस्थ हैं। जीवाजी विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट शिवम का कहना है कि उन्होने प्रतिदिन औसतन छह से सात घंटे पढ़ाई की। शिवम का कहना है कि किसी व्यक्ति को सफलता पानी है तो उसे अपने मन से अपनी रुचि के अनुसार करियर का चुनाव करना चाहिए। जब व्यक्ति कोई काम मन से करता है तो सफलता जरूर मिलती है। मन से काम करने पर अपनी कमजोरी भी पता चलती है। शिवम का कहना है कि सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए क्योंकि कोई भी अवसर अंतिम अवसर नहीं होता।