school uniform- यूनिफॉर्म को लेकर अनियमितता होने के कारण यह फैसला लिया गया है...।
दतिया। अब स्कूली बच्चों के गणवेश तैयार करने वाले संबंधित स्व सहायता समूह कोई गड़बड़ी व लेट लतीफी नहीं कर सकेंगे। जिस समूह को गणवेश तैयार करने का कार्य दिया जाएगा उसे 50 फीसदी राशि ही एडवांस दी जाएगी। बच्चों तक गणवेश पहुंचने के बाद शेष राशि का शासन भुगतान करेगा। दोनों सत्रों की गणवेश छात्रों को एक साथ दी जाएगी।
दो साल पहले जिले में स्कूली बच्चों की गणवेश की सप्लाई में हुई अनियमितता से सबक लेकर जिम्मेदारों ने इससे सबक लिया है। नई व्यवस्था के तहत अब स्व सहायता समूह कोई अनियमितता नहीं कर सकेंगे। एक से आठवीं तक के स्कूल खुले हुए 5 महीने से ज्यादा बीत गए। अब तक सरकारी स्कूलों के बच्चों को गणवेश नहीं मिल सकी।
बच्चों में न केवल निराशा है बल्कि कई बच्चे तो गणवेश न होने के कारण स्कूल जाने से कतरा रहे हैं। लेकिन अब प्रदेश मुख्यालय ने इस बात पर गौर किया है कि बच्चों को गणवेश दी जाएगी। खास बात है कि गणवेश दो-दो दी जाएगी क्योंकि पिछले साल बच्चों को गणवेश नहीं मिली और 2022-23 में भी अब तक गणवेश नहीं वितरित की गई। ऐसे बच्चों में से हरेक पर एक हजार दो सौ रुपए खर्च किए जाएंगे।
72 हजार से ज्यादा बच्चे हैं जिले में
जिले के सरकारी स्कूलों में एक से आठवीं तक के करीब 72 हजार बच्चे हैं जिनको गणवेश दी जानी है। बताया गया कि कक्षा एक से चार तक एवं छठवी से सातवीं तक बच्चों की गणवेश स्वच्छता समूह तैयार करेंगे बाकी अन्य माध्यमों से दी जाएगी वहीं 2022-23 के सीएम राइज स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को गणवेश नहीं देकर उनके खातों में राशि डाली जाएगी।
राज्य शिक्षा केन्द्र ने निर्देश दिए हैं कि समूहों से जो गणवेश तैयार कराई जाएगी उसका पैसा एडवांस में केवल 50 फीसदी राशि दी जाएगी। ताकि समूह की महिलाएं कपड़ा खरीद सकें और गणवेश तैयार कर सकें। बाकी आधी आधी राशि गणवेश के हाथ में आने के बाद ही दी जाएगी।
2020-21 में बच्चों की गणवेश सप्लाई में अनियमितता पाई गई थी। एनआरएलएम के जिम्मेदार अफसरों ने सीहोर की एक फर्म को अवैध रूप से गणवेश का कपड़ा काट कर देने का अनुबंध कर दिया था। स्वसहायता समूहों के खातों से पैसे निकलवा दिए थे। तब से अब तक हजारों बच्चे गणवेश के लिए परेशान है। अभी भी 15 हजार से ज्यादा बच्चों को गणवेश नहीं मिल सकी है।यही वजह है कि इस बार शासन ने निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि पत्रिका ने 20 सितंबर को इस संबंध में समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें बच्चों के गणवेश को लेकर की गई गड़बड़ी की जानकारी दी गई थी।
मिले हैं दिशा निर्देश
स्कूली बच्चों को गणवेश देने के लिए नए दिशा निर्देश प्राप्त हुए हैं। ग्रामीण आजीविका मिशन व शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस दिशा में आगे कार्रवाई के लिए कहा गया है।
-कमलेश कुंमार भार्गव, सीईओ जिला पंचायत दतिया