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गोवंश की दुर्गति, कुएं में गिरकर व हादसे में मर रहा

सरकारी अनुदान के 20 रुपए से डेढ़ किलो भूसा नहीं आता plight of cattle, falling into a well and dying in an accident, news in hindi, mp news, morena news

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गोवंश की दुर्गति, कुएं में गिरकर व हादसे में मर रहा

कुए में गिरे गौवंश को खींचते गोसेवक।

मुरैना. आप मानें या न माने मगर ये सही है। सरकारी अनुदान की 20 रुपए की एक गोवंश को दी जा रही अनुदान राशि से डेढ़ किलो भूसा भी नहीं आता। गोशालाओं को प्रदेश सरकार से जो राशि प्रति गोवंश मिलती भी है वह अपर्याप्त है। इस वजह से उन्हें कोई गोशाला में भी नहीं रख पा रहा है।

शहर-कस्बों व गांवों में निराश्रित घूम रहा गोवंश खुले हुए कुओं व नाले-नालियों में गिरकर अपनी जान गवां रहा है। हालात यह हैं कि रोज 5 से 7 गोवंश अकाल मौत मर रहा है लेकिन जिलेभर में स्थित 80 से अधिक गोशालाएं खाली पड़ी हैं लेकिन इन गोशालाओं के विधिवत संचालन की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

जिले में पशुपालन विभाग की 47 से अधिक गोशालाएं हैं लेकिन इनमें से आधा दर्जन गोशालाएं ही संचालित हो रही हैं। शेष पंचायतें संचालित करना नहीं चाह रहीं और सरकार ने इनके ऊपर करोड़ों रुपए खर्च कर दिए। इसके पीछे मुख्य वजह सरकार द्वारा गोवंश के लिए चारा-भूसा के रूप में दिया जाने वाला मात्र 20 रुपए का अनुदान। सरपंचों का तर्क है कि 20 रुपए में डेढ़ किलो भूसा तक नहीं आता, ऐसे में एक गोवंश के लिए 4 से 5 किलो भूसा, हरा चारा आखिर पंचायतें कहां से लाएंगी।

हाइवे पर वाहनों से हो रहा घायल

गोसेवकों का दर्द है कि आगरा-मुंबई हाइवे, एनएच-552 सबलगढ़-पोरसा हाईवे के ईदगिर्द खेत हैं, जिनमें चारे की तलाश में निराश्रित गोवंश भटकता रहता है। इस गोवंश को जब किसान खदेड़ देते हैं तो हाइवे पर पहुंच जाते हैं, जहां सुबह-शाम व रात के वक्त बड़े वाहन इन्हें टक्कर मार देते हैं जिससे रोज 4 से 5 गोवंश की मौके पर ही मौत हो रही है। वहीं जो गोवंश घायल होकर सडक़ पर पड़े रह जाते हैं, उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए पशु चिकित्सा विभाग अथवा संबंधित निकाय की एंबुलेंस-जेसीबी तक नहीं मिलती।