
दतिया. जिले के सर्पदंश व बिच्छू काटने वालों के इलाज के लिए जिला अस्पताल प्रबंधन के पास इंजेक्शन तो हैं पर मरीजों को बड़ी मशक्कत के बाद ही मिल पाते हैं। वार्डों में प्रशीतन की व्यवस्था होने के कारण इंजेक्शन ब्लड बैंक में रखे रहते हैं। जरूरत पडऩे पर वहां से उठाने की अपेक्षा पीडि़तों को झांसी या ग्वालियर रैफर करना ही ठीक समझते हैं।
आंकड़ों पर गौर करें तो चार महीने पहले महिलाओं को लगाने के लिए कई इंजेक्शन दिए गए पर लगाया किसी को नहीं। जिला अस्पताल की स्टोर शाखा ने दो महीने पहले जिला अस्पताल के पुरुष वार्ड को 22 इंजेक्शन दिए थे ताकि जरूरत पडऩे पर उन्हें दिया जा सके। सूत्रों क मुताबिक मेल वार्ड में आने वाले किसी भी पीडि़त को उक्त इंजेक्शन नहीं दिया गया। लेकिन अभी तक यहां कई पुरुष पीडि़त पहुंचे पर किसी को इंजेक्शन नहीं दिया गया। इसके पीछे बहाना एक ही बनाया जा रहा है कि वार्ड में फ्रिज तक की व्यवस्था नहीं है। इसलिए इसको वार्ड में रखा नहीं जा रहा है।
दो महीने में एक भी नहीं
हाल ही में बरसात की मौसम गुजरा है। इस दौरान सैकड़ों ऐसे लोग सामने आए जिन्हें सांप ने डसा या फिर बिच्छू ने काटा। उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा पर हालात ये रहे कि उनमें से चंद लोगों को ही इंजेक्शन दिया गया। आंकड़ों के मुताबिक केवल सिंतबर में ही सर्पदंश से सात पीडि़त जिला अस्पताल में पहुंचे। पर उन्हें यह कहकर चलता कर दिया कि अस्पताल में एंटी-स्नेक इंजेक्शन नहीं है। यही हाल रहा बिच्छू से कटे लोगों के साथ। पिछले महीने जिला अस्पताल में ऐसे 38 लोग पहुंचे जिन्हें बिच्छू ने काटा था। जहर का असर दूर करने के लिए ये पीडि़त अस्पताल तो पहुंचे पर उन्हें इंजेक्शन नहीं दिया गया। बहाना यह है कि किसी भी वॉर्ड या इसके आसपास फ्रीजर न होने से इंजेक्शन को रखने में दिक्कत होती है। लिहाजा लापरवाही व आलस्य के चलते उन्हें यह इंजेक्शन दिया ही नहीं जाता।
443 रुपए है कीमत-सरकारी
एंटी स्नैक इंजेक्शन की सरकारी कीमत 443 रुपए है, जिले में यह भरपूर संख्या में आता है, लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते गरीब मरीजों को मुहैया नहीं कराया जाता है, जिससे उन्हें ऊंची कीमतों में या तो प्राइवेट अस्पतालों में लगवाना पड़ता हैया फिर दर-दर की ठोकरें खाकर परेशान होना पड़ता है।
फीमेल वार्ड भी नहीं रखता
जिला अस्पताल के फीमेल वार्ड में भी इंजेक्शन रखने की व्यवस्था नहीं है, यहां आने वाले मरीजों को भी एंटी स्नैक इंजेक्शन ब्लड बैंक के फ्रिजर में रखे रहते है, जरुरत पडऩे पर वार्ड का स्टॉफ इंजेक्शन नहीं लेता है, इसलिए पीडि़त परेशान होते रहते हैं।
व्यवस्था कराएंगे
जिला चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को अगर सर्पदंश व बिच्छु के दंश से पीडि़त को इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे है तो इसकी सही व्यवस्था कराई जाएगी, ताकि पीडि़त परेशान न हो।
डॉ. प्रदीप उपाध्याय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी
Published on:
09 Nov 2017 10:55 pm
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