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मक्का, उड़द, मूंगफली, तिल की बोवनी पूरी, अब धान पर जोर

बारिश की बजह से धान की बोवनी पर लगा ब्रेक, विभाग को लक्ष्य के मुताबिक सौ प्रतिशत बोवनी की उम्मीद  

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मक्का, उड़द, मूंगफली, तिल की बोवनी पूरी, अब धान पर जोर

मक्का, उड़द, मूंगफली, तिल की बोवनी पूरी, अब धान पर जोर

मक्का, उड़द, मूंगफली, तिल की बोवनी पूरी, अब धान पर जोर
दतिया। जिले में बारिश थमने के बाद धान की बोवनी पर ब्रेक लगा है। बारिश न होने से धान की पौध लगा चुके किसान परेशान हैं। हालांकि ऐसे किसान जिनके पास सिचाई के लिए पर्याप्त पानी है वह धान की बोवनी में लगे हैं। बारिश की बजह से अन्य फसलों की बोवनी तो हो चुकी है लेकिन धान की बोवनी लेट हो गई है।

जिले में खरीफ फसलों की बोवनी का काम अंतिम चरण में हैं। इस बार जून माह के अंतिम सप्ताह और जुलाई माह के मध्य तक अच्छी बारिश होने से किसान खुश थे। जिले में खरीफ फसलों खासतौर पर दलहन और तिलहन की बोवनी का यही सही समय होता है। बारिश अच्छी होने की बजह से अधिकांश किसानों ने धान की बोवनी भी कर ली थी। लेकिन बारिश थमने और पर्याप्त बिजली न मिलने की बजह से धान लगा चुके किसान आक्रोशित हैं। बिजली न मिलने से धान की सिचाई में परेशानी होने से किसान कई बार आंदोलन कर चुके हैं।

सोयाबीन में ज्यादा रुचि

किसानों ने इस बार सोयाबीन लगाने में ज्यादा रुचि दिखाई है। कृषि विभाग ने इस बार सोयाबीन की बोवनी का लक्ष्य 200 हेक्टेयर रखा था। इस लक्ष्य के विरुद्ध 882 हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी हुई है। इसके अलावा किसानों ने बाजरा, ज्वार, मंूग की बोवनी में भी रुचि दिखाई है।

धान की बोवनी पिछड़ी ्र

जिले में कृषि विभाग ने इस बार 45 हजार हेक्टेयर में धान की बोवनी का लक्ष्य रखा था। इस लक्ष्य के विरुद्ध किसानों ने 43 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी हुई है। जबकि गत वर्ष खरीफ सीजन में किसानों ने 55 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल की बोवनी की थी।

जिले में बोवनी का सीजन लगभग खत्म हो गया है। किसानों ने दलहन - तिलहन की बोवनी कर ली है। लेकिन जिन किसानों के पास सिचाई की व्यवस्था है वह धान के प्लांटेशन के लिए प्रयास कर रहे हैं। धान की बोवनी 15 अगस्त तक चलने की संभावना है

जी एस गोरख उप संचालक कृषि