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वेद पाठी ब्राह्मणों ने किया स्वस्ति वाचन, संगीत सभा व गोष्ठी हुई

पीतांबरा पीठ पर श्रद्धाभाव के साथ मनी मां पीतांबरा का प्राकट्योत्सव, गोष्ठी का हुआ आयोजन  

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वेद पाठी ब्राह्मणों ने किया स्वस्ति वाचन, संगीत सभा व गोष्ठी हुई

वेद पाठी ब्राह्मणों ने किया स्वस्ति वाचन, संगीत सभा व गोष्ठी हुई

वेद पाठी ब्राह्मणों ने किया स्वस्ति वाचन, संगीत सभा व गोष्ठी हुई
दतिया। प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी पीतांबरा पीठ पीतांबरा माई का प्राकट्योत्सव परंपरागत तरीके से मनाया गया। इस अवसर पर धार्मिक कार्यक्रमों के अलावा हिंदी एवं संस्कृत संगोष्ठी का आयोजन हुआ। गोष्ठी में अनेक वक्ताओं ने विचार रखे और पीतांबरा माई की महिमा पर विस्तार से प्रकाश डाला।

पीतांबरा पीठ पर मनाए जाने वाले त्रिदिवसीय समारोह के तहत सोमवार को मां पीतांबरा प्राकट्योत्सव मनाया गया। सुबह नियमित पूजा, आरती के पश्चात शाम के समय गोष्ठी का आयोजन हुआ। गोष्ठी की शुरूआत से पूर्व पीतांबरा पीठ वेद विद्यालय के छात्रों द्वारा स्वस्ति वाचन किया गया। तत्पश्चात न्यासी श्याम पटैरिया ने आमंत्रित अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ लवलेश मिश्रा रहे। संस्कृत संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉ दामोदर दीक्षित ने की। मुख्य वक्ता के रूप में आचार्य धनंजय मिश्र मौजूद रहे। अपने संबोधन में अरुण मिश्र ने कहा कि संसार में सभी प्राणियों में मातृ शक्ति प्रमुख मानी गई है। आदि शक्ति नारायणी दस महाविद्याओं में भगवती पीतांबरा आदि शक्ति हैं। शक्ति के बिना संसार में कुछ नहीं। बृजेश शुक्ल ने कहा कि भगवती चेतना रूप से सभी प्राणियों में विद्यमान हैं। आचार्य धनंजय मिश्र ने कहा कि गीता के चतुर्थ अध्याय के 21 वें श्लोक के माध्यम से मां पीतांबरा की महिमा का वर्णन किया। अध्यक्षता कर रहे डॉ दीक्षित ने कहा कि एक शक्ति ही सारे संसार को चला रही है। शक्ति के बिना शिव भी शव हैं। शक्ति के बिना कुछ भी संभव नहीं। हिंदी संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ चंद्रमोहन दीक्षित ने कहा कि राष्ट्र कल्याण के लिए पूज्यपाद स्वामी जी महाराज ने माई को बिराजमान किया। उन्होने कहा कि भगवती करुणामयी हैं और अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। हिंदी संगोष्ठी को आचार्य डॉ दामोदर दीक्षित, आचार्य धनंजय मिश्र ने भी संबोधित किया। गोष्ठी के पश्चात संगीत सभा का आयोजन हुआ। अंत में ट्रस्ट की अध्यक्ष वसुंधरा राजे सिंधिया ने सभी का आभार व्यक्त किया।