
दौसा. राज्य सरकार के द्वारा प्रवासी व मजदूरों के आवागमन के लिए साधन उपलब्ध कराने का दावा दौसा के नेशनल हाइवे के दृश्यों को देखकर खोखला साबित हो रहा है। यहां से दिनभर सैकड़ो ंकी संख्या में मजदूर पैदल या मालवाहक वाहनों में बैठकर जान जोखिम में डालकर जाते दिखाई दे रहे हैं। करौली जिला निवासी एक परिवार अपने बच्चों को लेकर पैदल जाते हुए।
दौसा. कहने को तो राज्य सरकार ने भी जिलों में आदेश दे दिए हैं कि कोई भी मजदूर व व्यक्ति उनके जिले की सीमा में पैदल नहीं जाए, लेकिन यहां तो सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। हाइवे पर दिनभर में सैकड़ों की संख्या में लोग पैदल ही अपने घर का सफर तय रहे हैं। जिन लोगों को वाहन मिल जाते हैं उनमें वे या तो किसी वाहन चालक के रोकने पर स्वयं ही सवार हो जाते हैं और कई वाहनों में प्रशासन उनको रोक कर बैठाकर रवाना कर रहा है, फिर भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग पैदल ही अपने घरों की ओर जा रहे हैं। इनमें बच्चे भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि गुजरात, महाराष्ट्र, अजमेर, जोधपुर व जयपुर आदि स्थानों पर लॉकडाउन की वजह से मजदूर पहले ही वहां ठहरे हुए थे। अब उनको काम नहीं मिलने से पास राशन- पानी का खर्च खत्म होता जा रहा है, ऐसे में अब वे अपने घरों की ओर जा रहे हैं। हालांकि जिला मजिस्टेट ने भी पिछले दिनों सभी अधिकारियों को बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग करने के आदेश दे रखे हैं। कई जगह टीमें बाहर जा रहे लोगों की जांच भी कर रही है।
सैकड़ों किलोमीटर दूरी तय कर रहे हैं मजदूर : मजदूरों ने बताया कि वे गुजरात, महाराष्ट्र से कई दिनों से पैदल चल रहे हंै। उनके साथ छोटे- छोटे बालक है। सिर पर सामान की गठरी है। वे प्रतिदिन चालीस-पचास किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं। कई मजदूरों ने बताया कि उनको कई जगह वाहन मिल जाते थे, और कई जगह पैदल ही चलना पड़ रहा है।
सडक़ किनारे ही बन जाता है बसेरा : इन दिनों विभिन्न प्रदेशों से उत्तर प्रदेश, बिहार एवं मध्य प्रदेश के कई जिलों में जा रहे श्रमिकों ने बताया कि रास्ते में कई जगह चाय- बिस्किट भी मिल जाते हैं। कई जगह खाना भी मिल जाता है। कई बार उनको भूखे पेट भी चलना पड़ता है। मजदूरों ने बताया कि जिन लोगों के साथ छोटे बालक एवं बुजुर्ग हैं उनकी मुसीबत हे। उनको राह चलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बसों के किए इंतजाम
दौसा . जिला कलक्टर अविचल चतुर्वेदी ने बताया कि सडक़ मार्ग से उत्तर प्रदेश, बिहार व अन्य राज्यों में जाने वाले राहगींरों का बसों, अन्य साधनों एवं ट्रेन के माध्यम से उनके गन्तव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन कार्य कर रहा है। जिला कलक्टर ने बताया कि शनिवार को आगरा रोड एवं अन्य सडक़ मार्ग से जाने वाले लगभग 50-60 व्यक्तियों को रोक कर शेल्टर होम देवनारायण छात्रावास भाण्डारेज मोड़ पर एकत्रित किया गया। शाम को बसों में बैठा कर जयपुर पहुंचाने की व्यवस्था की गई। वहां से यह सभी व्यक्ति कानपुर जाने वाली टे्रन से जाएंगे। उप जिला कलक्टर पुष्कर मित्तल ने बताया कि सभी ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों व कर्मचारियों के माध्यम से सडक़ मार्ग से जाने वाले लोगों को रोक शेेल्टर होम में रखा गया। खाने, रहने चाय-पानी की व्यवस्था की। इस दौरान दौसा तहसीलदार सोनल मीना, नायब तहसीलदार, गिरदावर व कई पटवारियों सहित अन्य लोगों ने सहयोग किया।
378 जनों की रिपोर्ट पेंडिंग
दौसा . जिले में कोरोना संदिग्धों की संख्या निरन्तर बढ़ती जा रही है। शनिवार शाम तक आंकड़ा 3361 पर पहुंच गया। इनमें से 378 लोगों की रिपोर्ट शाम तक नहीं मिल पाई। वहीं कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 31 है। सीएमएचओ डॉ. पीएम वर्मा ने बताया कि जिलेभर में चिकित्सा विभाग ने 22 हजार 926 लोगों की स्क्रीनिंग कर ली है। विभाग की 289 टीमों ने शनिवार को 10 हजार 224 घरों के 58 हजार 378 लोगों की स्क्रीनिंग की। जिले में अब तक 5 लाख 89 हजार 527 घरों के 27 लाख 8 हजार 866 लोगों की जांच की जा चुकी है। कोरोना पॉजिटिव पीडि़तों के क्षेत्र में टीम सघन जांच कर रही है।
Updated on:
17 May 2020 09:35 am
Published on:
17 May 2020 09:34 am
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