
स्वाइन फ्लू की चपेट में आया चिकित्सक
दौसा. जिले में स्वाइन फ्लू के प्रकोप से आमजन ही नहीं चिकित्सक भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। रविवार को जिला अस्पताल के एक चिकित्सक के स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने से चिकित्सा विभाग में हड़कम्प मच गया। इससे पहले शनिवार को एक जने के स्वाइन फ्लू पॉजीटिव आया था, लेकिन विभाग की ओर से अस्पतालों में कार्यरत सभी चिकित्साकर्मियों के स्वाइन फ्लू वेक्सीन नहीं लगाई जा सकी है। जिले में अब तक 21 लोग चपेट में है।
जानकारी के अनुसार मौसम परिवर्तन के साथ ही स्वाइन फ्लू की बीमारी पैर पसार रही है। रविवार को जिला अस्पताल में कार्यरत मेडिकल ज्यूरिस्ट डॉ. रोहित मीना के स्वाइन फ्लू पॉजीटिव आया है। शनिवार को खेड़ला निवासी शिवकुमार के भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। जिला अस्पताल स्थित स्वाइन फ्लू सैम्पल कलेक्शन सेन्टर में अब तक 55 लोगों की रक्त स्लाइड ली जा चुकी है। इनमें से तीन मरीजों की पॉजीटिव रिपोर्ट आई है। जबकि 331 लोगों को स्वाइन फ्लू स्क्रीनिंग सेन्टर में परामर्श देकर टेमी फ्लू दवाई दी जा चुकी है। जिले में स्वाइन फ्लू बीमारी से अब तक 21 लोग चपेट में आ चुके हैं। इनमें से तीन लोगों की मौत भी हो गई है। ऐसे में सवाल यह है कि अस्पतालों में कार्यरत चिकित्साकर्मियों के ही स्वाइन फ्लू वेक्सीन नहीं लग पाई, तो आमजन की हालात का अन्दाजा सहज लगाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका के 13 सितम्बर के अंक में स्वाइन फ्लू, दांव पर जिन्दगी शीर्षक से खबर प्रकाशित कर उपचार करने वाले ही सुरक्षित नहीं का मुद्दा उठाकर चिकित्साकर्मियों के वेक्सीन लगाने के प्रति आगाह किया था।
चिकित्साकर्मी 300, वेक्सिन 33 जिला अस्पताल में 53 चिकित्सकों सहित करीब 300 कार्मिक कार्यरत हैं। इसके बावजूद अभी तक यहां पहले चरण में स्वाइन फ्लू की 20 एवं उसके बाद केवल 13 वेक्सीन ही आई है। जबकि चिकित्साकर्मी वेक्सीन लगाने की मांग भी कर चुके हैं।
Published on:
25 Sept 2017 09:35 am
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