दौसा जिले में मतदाता जागरुकता के लिए स्वीप के तहत करीब तीन माह से विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर कई तरह के जतन किए गए, लेकिन मतदान प्रतिशत नहीं बढ़ पाया है। खासकर जिला मुख्यालय की सीट पर तो गत चुनाव की तुलना में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है। रोचक यह है कि प्रदेश में कुल करीब 74.96 प्रतिशत मतदान हुआ है, जबकि दौसा जिले में इससे कम 74.34 प्रतिशत रहा।
प्रशासन ने स्वीप गतिविधियों में बड़ी संख्या में कार्मिकों को लगाकर स्कूल व ग्राम तथा वार्ड स्तर पर कई तरह की टीम बना रखी थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। अब प्रशासन के स्तर पर मतदान प्रतिशत कम रहने की समीक्षा की जाएगी, लेकिन जिला 80 प्रतिशत के लक्ष्य से बहुत दूर रह गया।
जिले में बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र ने लाज रखी, जिसने 80 का आंकड़ा पार किया। हालांकि यहां अच्छे मतदान का कारण दो प्रमुख जातियों के प्रत्याशी का आमने-सामने कड़ी टक्कर का मुकाबला होना माना जा रहा है। लालसोट सीट भी गत चुनाव से थोड़ा अंतर बढ़ाने में कामयाब रही। दौसा सामान्य सीट पर प्रमुख दलों की ओर से दो अलग-अलग जातियों के उम्मीदवार होने के बाद भी मतदान में भारी गिरावट चिंता का विषय हो गया है। वहीं महुवा और सिकराय में भी अपेक्षा से कम मतदान हुआ।