
दौसा. जिले में मंगलवार को भारत बंद सफल रहा। बिना किसी रैली व नेतृत्व के ही व्यापारियों ने स्वैच्छिक अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। गत 2 अप्रेल के बंद के दौरान हुए उपद्रव में विफल रहे पुलिस-प्रशासन ने इस बार कोई कसर नहीं छोड़ी। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा। हालांकि लोगों में चर्चा रही कि जब पुलिस बल तैनात करना था, तब ऐसा क्यों नहीं किया गया। सन्नाटा पसरा रहने से जवान भी बाजारों में स्थित बरामदों में सुस्ताते नजर आए।
जिला मुख्यालय पर सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक पूरी तरह से बाजार बंद रहे। यहां तक की आपातकालीन सेवा माने जाने वाली दवा की दुकानें भी बंद रही। उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर चली 10 अप्रेल को भारत बंद करने की मुहिम का सोमवार को करीब दो दर्जन संगठनों ने समर्थन दिया। एससी-एसटी संगठनों की ओर से 2 अप्रेल को हुए भारत बंद के दौरान मचे उपद्रव के विरोध तथा एक्ट पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के समर्थन में विभिन्न संगठनों ने स्वैच्छिक बंद का आह्वान किया।
इस पर जिला मुख्यालय सहित अधिकतर कस्बों में बाजारों में शांतिपूर्ण बंद रहा। बंद को देखते हुए सड़कों पर सन्नाटा भी पसरा रहा। बंद को नजारा देखने के लिए कई युवा बाइकों पर घूमते दिखाई दिए तो कई जगह व्यापारी चर्चा में मशगूल दिखे।
भारत बंद के दौरान दौसा शहर में बाजार बंद रहे। किसी भी प्रकार की अशांति की सूचना नहीं आई, फिर भी पुलिस दिनभर सतर्क रही। जिला मुख्यालय पर करीब 30 प्वाइंट पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए। इसके अलावा गांधी तिराहा, सोमनाथ तिराहा, कलक्ट्रेट, न्यायालय एवं प्रमुख चौराहों एवं तिराहों पर भारी पुलिस जाप्ता तैनात रखा। सीआईएसएफ, आरएसी व पुलिस लाइन का जाप्ता भी गश्त करता रहा। गांधी तिराहे पर वज्र वाहन खड़ा रहा। पुलिस के अधिकारी दिनभर सड़कों पर गश्त करते रहे। सादा वर्दी में भी पुलिसकर्मी शहर में इधर-उधर की सूचना देकर अधिकारियों को देते रहे।
Published on:
10 Apr 2018 07:05 pm
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