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8 माह बाद खुला मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, करना होगा इन नियमों का पालन

locationदौसाPublished: Nov 24, 2020 10:56:28 am

Submitted by:

santosh

Mehandipur Balaji Temple Open: पूर्वी राजस्थान का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मेहंदीपुर बालाजी मंदिर श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए खोल दिया गया है।

Mehandipur Balaji Temple Open

मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन कर की नए साल की शुरुआत की

मेहंदीपुर बालाजी। Mehandipur Balaji Temple Open: पूर्वी राजस्थान का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मेहंदीपुर बालाजी मंदिर श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए खोल दिया गया है। पिछले 8 माह से कोरोना महामारी की वजह से सरकार ने एहतियात बरतते हुए मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए दर्शन हेतु बंद कर दिया था।

अब श्रद्धालुओं और स्थानीय व्यापारियों की मांग को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया है। लेकिन इस दौरान श्रद्धालुओं एवं मंदिर प्रशासन को सख्त हिदायत दी है की कोरोना गाइड लाइन की सख्ती से पालना की जाए।

किसी भी श्रद्धालु को बिना फेस मास्क एवं बिना सैनिटाइजर के मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाए। मंदिर में फूल माला, प्रसाद आदि कोई भी वस्तुएं नहीं लेकर जाएं तथा मंदिर में घंटा बजाने पर भी पाबंदी रहेगी।

इसके साथ ही श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना करनी होगी। बिना थर्मल स्कीनिग के मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। मंदिर खुलते ही मंदिर के बाहर मानपुर सी ओ संतराम मीना, बालाजी थाना प्रभारी सुरेन्द्र शर्मा एवं ह्रैड़ कांस्टेबल अनूप सिहं व अन्य पुलिस कर्मी व्यवस्था संभालने के लिऐ मौजूद रहे।

जन-जन की आस्था का केंद्र मेहंदीपुर बालाजी मंदिर मार्च में लगाए गए कोरोना लॉकडाउन के समय से ही बंद चल रहा था। ऐसे में कस्बे के सभी व्यवसाय ठप होने के कारण लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया था। अब 8 माह बाद मंदिर खुलने से श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय व्यवसायियों के चेहरों पर खुशी की झलक है।

जिला कलक्टर पीयुष समारिया के अनुसार मंदिर के कपाट खुलने के बाद सरकार द्वारा समय-समय पर जारी गाइड लाइन की अक्षरश: पालना की जाएगी। मंदिर के समस्त प्रवेश द्वार, निकास एवं सामान्य स्थानों पर थर्मल स्केनिंग, हैण्डवाश एवं सेनेटाइजर का समुचित प्रबंध किया जाए। मंदिर प्रांगण में पुजारियों, सेवादारों एवं दर्शनार्थियों को चेहरे पर फेस कवर, मास्क पहनना अनिवार्य होगा। पुजारियों एवं सेवादारों को समय-समय पर कोविड जांच करानी होगी। उन्होंने मंदिर सचिव को निर्देश दिए कि समस्त व्यवस्थाओं की सुनिश्चितता के लिए ट्रस्ट की ओर से एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए।

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