
बांदीकुई अब सरकारी विद्यालयों में पांचवीं कक्षा में अध्ययनरत छात्रों को अंकों के आधार पर ग्रेडिंग देकर परीक्षा परिणाम जारी किया जाएगा। इसके लिए प्रारम्भिक शिक्षा विभाग की ओर से जिला प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन योजना (सीसीई की जगह) शुरू की जा रही है।
योजना की प्रभावी मॉनिटरिंग व संचालन जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) व डीईओ की ओर से किया जाएगा। इसमें शिक्षा विभागीय अधिकारियों व शिक्षकों की स्तर के अनुरूप ग्रेड नहीं आने पर जवाबदेही तय होगी। इसके अलावा शिक्षकों के कमजोर पहलुओं का चिह्नीकरण कर सुधार किया जा सकेगा। ग्रेडिंग में कमजोर अधिगम स्तर वाले बालकों के शैक्षिक स्तर में सुधार के लिए अलग से प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक राज्य में स्थित 33 डाइटों के अधीन आने वाले 302 ब्लॉक में जिला प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन योजना शुरू की जा रही है।
इसमें 16 हजार 420 संग्रहण व मूल्याकंन केन्द्र गठित होंगे। वर्ष 2015-16 के डाइस डाटा को बेस आधार मानते हुए वर्ष 2016-17 में करीब 16 लाख 42 हजार परीक्षार्थी जिला स्तर प्राथमिक शिक्षा अधिगम मूल्यांकन परीक्षा में शामिल होंगे। परीक्षा के क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक जिले को 12 लाख 87 हजार रुपए का
बजट दिया है। राज्य में इस परीक्षा पर कुल 4 करोड़ 24 लाख 71 हजार 166 रुपए का बजट खर्च होंगा। एक छात्र की परीक्षा पर करीब 26 रुपए का खर्चा आएगा। यदि निजी शिक्षण संस्था का कोई विद्यार्थी मूल्यांकन में शामिल होता है, तो उसका 30 रुपए शुल्क देय होगा। जबकि
सरकारी विद्यालयों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
इस प्रकार होगा अंकों का निर्धारण
बांदीकुई. जिला स्तर पर प्राथमिक शिक्षा अधिगम मूल्यांकन योजना में प्रश्नपत्र 100 अंक का होगा। इसमें 20 अंक का सत्रांक एवं 80 अंक का लिखित प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर का मूल्यांकन निर्धारित किया गया है।
सत्रांक में 86 से 100 फीसदी उपस्थिति पर 5 अंक, 76 से 85 फीसदी पर 4 अंक, 71 से 75 तक 3 अंक, 60 से 70 फीसदी उपस्थिति पर 2 अंक देय होंगे। जबकि 15 अंक शैक्षिक, व्यक्तिगत गुण एवं अभिवृतियों के आधार पर देय होंगे। मूल्यांकन प्रपत्रों की जांच के लिए अनुभवी व दक्ष शिक्षकों का पैनल तैयार किया जाएगा। इसमें 91 से 100 फीसदी अंक पर प्लस ए ग्रेड, 76 से 90 पर ए ग्रेड, 61 से 75 पर बी ग्रेड, 41 से 60 पर सी ग्रेड एवं 0 से 40 अंक अर्जित करने पर डी ग्रेड दी जाएगी। सी व डी ग्रेड़ आने पर विषय अध्यापक से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। तीन फीसदी मूल्यांकन पत्रक विश्लेषण के लिए डाइट को भेजे जाकर फिर सुधार की कवायद की जाएगी।
यदि कोई शिक्षक पक्षपात कर अंक देता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। परीक्षा के सफल संचालन के लिए नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जाएगा।
प्रशासन समिति होगी गठित
जिला स्तर पर प्राथमिक शिक्षा अधिगम मूल्यांकन योजना के प्रभावी संचालन के लिए जिला स्तर पर प्रशासन समिति व ब्लॉक स्तर पर समितियां भी गठित की जाएगी। इसमें डीईओ प्रारम्भिक अध्यक्ष, डाइट प्रधानाचार्य उपाध्यक्ष/ सदस्य सचिव होंंगे।
वहीं जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बीईईओ, प्रधनाचार्य, प्रभारी पांचवी परीक्षा, वरिष्ठ व्याख्याता डाइट एवं सहायक लेखाकार सदस्य के रूप में शामिल होंगे। मूल्यांकन कार्य में पारदर्शिता बरतने के लिए परीक्षा परिणाम को शाला दर्पण, एएसए, शाला दर्शन, डीपीसी एवं रमसा की विभागीय वेबसाइटों पर अपलोड कर ऑनलाइन किया जाएगा। इससे विभागीय अधिकारी भी कार्यालय में बैठकर परीक्षा परिणाम को ऑनलाइन देख सकेंगे। परीक्षा के संचालन के लिए कैलेण्डर के मुताबिक संग्रहण व मूल्याकंन केन्द्रों का गठन, शिक्षकों का पैनल तैयार करने, नामांकन नम्बर (रोल नम्बर आवंटन), मूल्यांकन पत्रकों का निर्माण-मुद्रण, वीक्षकों की नियुक्ति, जांच एवं परीक्षा परिणाम जारी किया जाएगा।
कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए उपचारात्मक शिक्षण कराया जाएगा। (का.सं./ नि.सं.)
जिला प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन योजना के संचालन के आदेश मिले हैं। शीघ्र बैठक बुलाकर कार्य योजना बनाई जाएगी। योजना के तहत शैक्षिक स्तर में सुधार के लिए सी व डी ग्रेड वाले बच्चों को अलग से पढ़ाई कराई जाएगी। कम ग्रेड आने पर शिक्षकों को भी स्पष्टीकरण देना होगा।
सरितासिंह
प्रधानाचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बसवा
Published on:
19 Oct 2016 11:29 am
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