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गुलाबी सर्दी के साथ रजाई-गद्दों की भराई शुरू

बांदीकुई. क्षेत्र में सर्दी की आहट शुरू होने के साथ ही लोगों ने गर्म व ऊनी वस्त्र पहनना शुरू कर दिया है। वहीं रजाई-गद्दे भराई व बुनाई का कार्य भी शुरू हो गया है। शहर के प्रमुख मार्गों पर रजाई भराई - बुनाई एवं रूई धुनाई का व्यापारी व मजदूर काम करते दिखाई देने लगे हैं।

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pink quilt with a cold-start stuffing of mattreessess

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बांदीकुई. क्षेत्र में सर्दी की आहट शुरू होने के साथ ही लोगों ने गर्म व ऊनी वस्त्र पहनना शुरू कर दिया है। वहीं रजाई-गद्दे भराई व बुनाई का कार्य भी शुरू हो गया है। शहर के प्रमुख मार्गों पर रजाई भराई - बुनाई एवं रूई धुनाई का व्यापारी व मजदूर काम करते दिखाई देने

लगे हैं।

ऐसे में अब रजाई-गद्दों से जुड़ी दुकानों पर पर ग्राहकों की भीड़ दिखाई देने लगी है, लेकिन मंहगाई अधिक होने व इस वर्ष मौसमी बीमारी की चपेट में लोगों के अधिक आने से इसका असर रजाई-गद्दों की भराई बुनाई का काम करने वाले लोगों पर पड़ रहा है।

इसके चलते मेहनत के मुताबिक पर्याप्त मजदूरी तक नहीं निकल पा रही है। गुढ़ारोड स्थित स्टेशन रोड तिराहे पर स्थित व्यापारी अब्दुल अजीज का कहना है कि वह रजाई बुनाई व भराई से जुड़े कारोबार से 16 वर्ष से जुड़ा हुआ है। प्रतिवर्ष अक्टूबर माह शुरू होते ही स्टेशन रोड पर रूई धुनाई की मशीन लगा कर फरवरी माह तक इस कारोबार को करता है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 10 से 15 रजाई - गद्दों की जोडिय़ों में रूई भराई-बुनाई कर देते हैं।

रूई भाव 100 किलो बिक रही है। रजाई-गद्दों में रुई भुनाई से लेकर तैयार करने तक की मजूदरी 100 रुपए है। एक व्यक्ति पांच रजाई-गद्दे दिनभर में तैयार कर देता है, लेकिन मेहनत के अनुरूप मजदूरी नहीं मिल पा रही है। क्योंकि इसमें रूई की धुनाई व धागा भी शामिल है। मजदूरी नहीं निकलने पर धीरे-धीरे व्यवसाय बढ़ा लिया और रजाई, गददे एवं तकिये की खोलियां भी बेचना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि गत वर्ष जो रजाई की खोली की कीमत 150 रुपए से शुरू होकर 250 रुपए तक थी। उसकी कीमत अब बढ़कर 175 से 300 रुपए तक पहुंच गई है।

उन्होंने बताया कि सिकंदरा, राहुवास, किशनगढ़ की रजाई व इरोड़, सोलापुर एवं कानपुर के गद्दों की ग्राहक अधिक मांग है। रजाई के अस्तर(खोळ) की कीमत भी 150 से 200 रुपए तक पहुंच गई है।

ग्राहक को एक जोड़ी रजाई-गद्दे तैयार कराने पर करीब 900- 1100 रुपए से अधिक खर्चा आता है। सर्दी शुरू होने के साथ इन दिनों शहर के राजबाजार, हाई स्कूल चौक, स्टेशन रोड,बसवा रोड, रेलवे फाटक के समीप गुढ़ारोड एवं सिकंदरा रोड पर रूई धुनाई की मशीनें लग गई हैं। इन मशीनों पर महिला एवं पुरुष रजाई-गद्दों की बुनाई करते दिखाई देने लगे हैं।

व्यापारियों का कहना है कि आगामी दिनों शादी-समारोह भी शुरू होने वाले हैं। ऐसे में लोग शादी समारोह को देखते हुए अभी से रजाई गद्दे तैयार करवा रहे हैं। वहीं टैण्ट हाउस वाले भी बुकिंग अधिक होने से लॉट में एक साथ ठेका देकर रजाई गद्दे भरवा रहे हैं। रजाई गद्दे भराई व बुनाई में व्यापारी सहित उसके परिवार की महिला एवं बच्चे भी सहयोग कर रहे हैं।


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