
राहुल सिंह
Rajasthan Assembly Election 2023 दौसा शहर से निकलकर जैसे ही सिकराय विधानसभा क्षेत्र में आने वाले सिकंदरा की ओर बढ़ा तो देखा, जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर जगह-जगह लाल पत्थर का काम हो रहा है। एक जगह जाकर रुके और वहां पत्थर कारोबारी बाबूलाल से मिले तो वे बोले, ये पत्थर भरतपुर के बंशीपहाड़पुर से आता है और इस पत्थर का उपयोग अयोध्या के राममंदिर में भी किया जा रहा है। कारोबार की समस्या को लेकर उन्होंने कहा कि यहां तो किराए की जमीन पर काम कर रहे हैं। कहीं एक जगह जमीन मिल जाए और स्टोन पार्क का निर्माण हो जाए तो इससे सारा उद्योग एक जगह आ जाएगा। वहीं पर काम कर रहे श्रमिक गिरधारी से बात की तो उसने बताया कि पत्थर का काम करते-करते सिलिकोसिस हो गया है। इसकी धूल फेफड़ों में जम गई है। थोड़ा सा चलने पर दम फूलने लगता है, पर क्या करें मजबूरी है।
सरकार से एक लाख रुपए की सहायता मिली है। इसके बाद बांदीकुई पहुंचने पर मिठाई की दुकान करने वाले राधेश्याम शर्मा से मुलाकात हुई। वे बाले, बांदीकुई में कोई विकास नहीं हुआ और कस्बे के हालात अच्छे नहीं है। उन्होंने जगह-जगह अतिक्रमण और टूटी सड़कों के हालात भी दिखाए। थोड़ा आगे चाय की थड़ी पर रुककर लोगों से सरकारी योजनाओं के बारे में पूछा तो तस्वीर अच्छी दिखाई दी, खासकर चिरंजीवी बीमा योजना को लेकर लोग खुश हैं कि अब उन्हें महंगे इलाज में सहायता और सुरक्षा मिल रही है। आगे चलकर ग्राम पंचायत पीचूपाड़ा पहुंचे तो वहां बाहर ही किराने का काम करने वाले युवक किशन से बात की।
रोजगार के सवाल पर किशन का कहना था कि यहां रोजगार का कोई साधन नहीं है और न ही कोई ऐसी इंडस्ट्री है, जहां लोगों को काम मिल सके। युवाओं को बड़े शहरों की ओर ही अपना रुख करना पड़ता है। कुछ देर बाद सिंकदरा रोड पर ही बाणगंगा नदी पर बने पुल से गुजरे तो वहां मिले ग्रामीण वल्लभलाल बोले कि ये नदी तो सूख गई और अब इसमें खनन माफिया ने बजरी का अवैध खनन करके गड्ढे कर दिए हैं। इनको रोकने के लिए कोई मशीनरी सक्रिय नहीं है और नदी को लगातार नुकसान पहुंच रहा है।
यहां से बांदीकु ई रेलवे स्टेशन के पास पहुंचे तो वहां लोगों ने बताया कि इसे रेलनगरी कहा जाता है और 20 अप्रेल 1874 को आगरा से बांदीकुई तक रेलगाडी चली थी और 1956 तक तो यहां डीआरएम भी बैठता था, ये कार्यालय बाद में जयपुर शिफ्ट कर दिया गया। बांदीकु ई में बड़ी समस्या तो इस शहर के बीचों बीच आगरा रेलवे फाटक है, जो शहर को दो हिस्सों में बांट देता है। दिन में दर्जनों बार इसके बंद होने से लोग परेशान रहते हैं। इसका कोई समाधान भी नहीं तलाशा जा रहा। बांदीकुई से लौटते हुए महवा की ओर बढ़े तो वहां किनारे पर ही ताशपत्ती खेल रहे बुजुर्गों से बात हुई।
इनका कहना था कि विकास के काम तो जैसे होते है, वैसे ही हो रहे है, हमारे सामने तो सबसे बड़ा संकट इन दिनों क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियां बढऩे का है। युवा तेजी से गलत दिशा में जा रहे हैं। पास में हाईवे के एक ओर भरतपुर है तो मेवात और डांग इलाका भी पड़ता है। अपराधी अपराध करने के बाद हाईवे से निकल कर भाग जाते हैं। पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर पाती। समय रहते इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो यहां हालात यूपी से भी बदतर हो जाएंगे।
Published on:
03 Jul 2023 09:11 am
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