
संत बनकर आश्रम में रह रहा था डॉक्टर डेथ (फोटो- पत्रिका)
Doctor Death News:दौसा: डॉक्टर डेथ के नाम से कुख्यात 50 से अधिक हत्याओं का आरोपी देवेंद्र शर्मा दौसा जिले में गुढ़ाकटला के रामेश्वर धाम मंदिर में अपनी पहचान छिपाकर एक संत के वेश में लग्जरी जिंदगी जी रहा था। तिहाड़ जेल में सजा काटते समय साल 2023 में पैरोल जंप करने के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक दिन पहले जब देवेंद्र को गुढ़ाकटला से गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया।
बता दें कि मामले के खुलासे के बाद स्थानीय लोग हैरान रह गए कि उनके बीच एक खूंखार अपराधी रह रहा था। गुढ़ाकटला के आश्रम में अपनी पहचान छिपाकर संत दयादास महाराज बनकर देवेंद्र ऐशोआराम की जिंदगी जी रहा था। मंदिर में अपने निवास पर एसी, आरओ, वाटर कूलर, वाईफाई और सीसीटीवी आदि सभी सुविधा लगा रखा था।
लोगों को अब उसकी वे बातें याद आ रही हैं, जिससे उस पर शक किया जा सकता है। लोग उसे संत के साथ डॉक्टर मानकर उपचार कराने आते थे। पूर्व में क्लीनिक चलाने का अनुभव होने तथा आयुर्वेद की पढ़ाई के कारण उसे चिकित्सकीय जानकारी थी, जिससे वह लोगों को अपने जाल में फंसा लेता था।
आरोपी देवेंद्र पूर्व में एक किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट से भी जुड़ा था। दिल्ली से लेकर हरियाणा-राजस्थान तक कई लोगों की हत्या करने और इनके शवों को यूपी के कासगंज में मगरमच्छों को खिलाने की बात भी सामने आ रही है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, आरोपी टैक्सी ड्राइवरों को निशाना बनाता था। वह टैक्सी बुक करता और फिर ड्राइवर की हत्या करने के बाद उसके शव को उत्तर प्रदेश के कासगंज में मगरमच्छों के लिए मशहूर हजारा नहर में डाल देता था। वहां पलक झपकते मगरमच्छ शवों को खा जाते थे, जिससे आरोपी के खिलाफ पुलिस को सुराग नहीं मिलते थे।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की भनक स्थानीय पुलिस को भी नहीं लगने दी। बसवा थाना पुलिस ने बुधवार शाम गुढ़ाकटला पहुंचकर जांच की। इस दौरान मंदिर में आरोपी के कमरे की तलाशी ली गई। पुलिस कई कागज भी अपने साथ लेकर गई है, ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके।
देवेंद्र शर्मा उर्फ दयादास अपने अपराधिक षड्यंत्र के तहत गुढ़ाकटला कस्बे में वृद्ध आश्रम खोलने की योजना बना रहा था, जिसका उद्घाटन 25 तारीख को होना था। लेकिन उद्घाटन से पूर्व ही संत के वेश में छुपा अपराधी लोगों के सामने आ गया।
कस्बे के बांदीकुई सड़क मार्ग पर स्थित रामेश्वरधाम मंदिर में सेवा पूजा के बहाने संत दयादास उर्फ देवेंद्र शर्मा रुका था। स्थानीय लोगों ने बताया, मंदिर पर पुजारी नहीं होने से स्थानीय लोगों को ही मंदिर की पूजा करनी पड़ती थी, जिसके चलते वे किसी पुजारी की तलाश कर रहे थे।
ऐसे में गुढ़ाकटला मंदिर पर आए देवेंद्र शर्मा उर्फ दयादास ने मंदिर पर रहकर सेवा पूजा करने की इच्छा जाहिर की और सांसारिक जीवन से मुक्त होकर संत जीवन जीने की इच्छा जाहिर की। स्थानीय लोगों ने उसे मंदिर पर रहने की अनुमति दे दी।
लेकिन धीरे-धीरे संत अपना जीवन भौतिक संसाधनों से युक्त करता गया और स्थानीय लोगों को भी अपने रसूद और प्रभाव को जाहिर करते हुए मंदिर पर धार्मिक आयोजन करता, जिससे लोग उसका भगवान के प्रति प्रेम देख अभिभूत हो जाते थे।
Updated on:
22 May 2025 12:05 pm
Published on:
22 May 2025 11:21 am
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