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राजस्थान सरकार की इस योजना में हुआ बदलाव, अब 2 बीघा भूमि वाले किसान भी होंगे पात्र

फसलों की सुरक्षा को मद्देनजर राजस्थान सरकार का कृषि विभाग खेतों की कांटेदार/ चैनलिंक तारबंदी करवाने पर अनुदान दे रहा है। अब विभाग ने शिथिलता देते हुए 2 बीघा भूमि होने पर भी किसानों को पात्र माना है।

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दौसा

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Santosh Trivedi

Apr 03, 2025

Bhajan Lal government

CM Bhajan Lal Sharma

दौसा। फसलों की सुरक्षा को मद्देनजर राजस्थान सरकार का कृषि विभाग खेतों की कांटेदार/ चैनलिंक तारबंदी करवाने पर अनुदान दे रहा है। वर्ष 2025-26 के लिए तारबंदी योजना के लिए कृषि आयुक्तालय जयपुर ने दिशा-निर्देश जारी किए है। पहले तारबंदी योजना के लिए एक ही जगह न्यूनतम 1.5 हैक्टेयर भूमि होना आवश्यक था, लेकिन अब विभाग ने शिथिलता देते हुए व्यक्तिगत एवं समूह में तारबंदी करवाने वाले किसानों को एक जगह न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर (02 बीघा) भूमि होने पर भी पात्र माना है। जिले के सभी सहायक कृषि अधिकारी एवं कृषि पर्यवेक्षकों को क्षेत्र के पात्र एवं इच्छुक किसानों से तारबंदी योजना के ऑनलाइन आवेदन करवाने के निर्देश प्रदान किए हैं।

इस तरह मिलेगा अनुदान

सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) अशोक कुमार मीना ने बताया कांटेदार/ चैनलिंक तारबंदी योजना में किसानों की सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए समूह में यदि न्यूनतम 10 किसान मिलकर 5 हेक्टेयर (20 बीघा पक्की) भूमि में तारबंदी करवाते हैं, तो सभी किसानों को 70 प्रतिशत अनुदान राशि के हिसाब से प्रति कृषक अधिकतम 400 रनिंग मीटर लंबाई पर 56 हजार की अनुदान राशि मिलेगी।

व्यक्तिगत या समूह में एक ही जगह पेरिफेरी में न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर (2 बीघा पक्की) भूमि पर तारबंदी करवाने पर लघु- सीमांत किसानों को प्रति कृषक अधिकतम 400 रनिंग मीटर लंबाई पर अधिकतम 48 हजार रुपए एवं सामान्य किसानों को 40 हजार रुपए का अनुदान तारबंदी पर दिया जाएगा।

ऑनलाइन आवेदन करें

योजना के लिए इच्छुक एवं पात्र किसान प्रस्तावित भूमि की पेरीफेरी का नवीनतम प्रमाणित संयुक्त नक्शा ट्रेस व जमाबंदी एवं जनाआधार कार्ड, लघु-सीमान्त प्रमाण पत्र लेकर नजदीकी ई मित्र केंद्र या राज किसान साथी पोर्टल पर स्वयं ऑनलाइन आवेदन करें। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पत्रावलियों की प्राथमिकता से प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा सकेगी।

तारबंदी पर व्यय राशि के समस्त बिल किसानों को उपलब्ध करवाने होंगे। कार्य पूर्ण होने के उपरांत सम्बंधित कृषि पर्यवेक्षक भौतिक सत्यापन पोर्टल पर ऑनलाइन करेगा व अनुदान राशि का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर होगी।