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Sawan 2025: ब्रिटिशकाल में बना 105 साल पुराना रेलवे शिव मंदिर, आज भी गूंजते हैं भोलेनाथ के जयकारे

वर्तमान में यहां शिव परिवार, राधा-कृष्णजी, शीतला माताजी, गंगा माताजी, दुर्गा माताजी, हनुमानजी एवं भेंरू बाबा आदि की मूर्तियां स्थापित है। मूर्तियों का आकर्षक श्रृंगार किया गया है।

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दौसा

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Santosh Trivedi

Jul 24, 2025

बांदीकुई. रेलवे मन्दिर का भवन (फोटो: पत्रिका)

Shiv Mandir: रेलवे कॉलोनी में ब्रिटिशकाल में बना हुआ करीब सौ वर्ष पुराना रेलवे शिव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र बना हुआ है। रेलकर्मियों के साथ ही आसपास के श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए आते हैं। शांत वातावरण में स्थित होने से श्रद्धालुओं को यहां सुकुन भी महसूस होता है। प्रमुख त्योहारों व एकादशी आदि पर सत्संग का आयोजन होता है। पहले यहां से झांकी भी निकलती थी। यहां एक पुराना झूला भी रखा हुआ है।

वर्तमान में यहां शिव परिवार, राधा-कृष्णजी, शीतला माताजी, गंगा माताजी, दुर्गा माताजी, हनुमानजी एवं भेंरू बाबा आदि की मूर्तियां स्थापित है। मूर्तियों का आकर्षक श्रृंगार किया गया है। मंदिर रेलवे कॉलोनी व शहर की सीमा पर स्थित है। वहीं गुढ़ा रोड व रेलवे अस्पताल के पास स्थित दिल्ली रेल लाइन रेलवे फाटक के मध्य में भी है। हालांकि अब अस्पताल वाले फाटक पर अण्डरपास बन गया है। इससे मंदिर से रेलवे कॉलोनी में दूसरी ओर आने-जाने के लिए अण्डरपास ही विकल्प है।

वहीं समीप ही गुढ़ा रोड फाटक की ओर जाने के लिए भी रास्ता सही नहीं है। बालकृष्ण गोस्वामी ने बताया कि पहले यहां आसपास बगीचा भी था। रेलवे की ओर से उस समय धार्मिक स्थलों के लिए जमीनें दी गई थी। वर्ष 1920 के आसपास मंदिर का निर्माण हुआ। बिजली लगने से लेकर रंग-रोगन व अन्य कार्य भी बाद में समय समय पर होते रहे हैं।